महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सोमवार को दिन भर चली माथापच्ची के बाद कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने पर अपना रुख साफ़ नहीं किया है। सोमवार सुबह कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई थी और उसके बाद शाम को 4 बजे महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं के साथ पार्टी आलाकमान ने बैठक की थी। राज्य में सरकार गठन को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से बात हुई है। लेकिन शिवसेना को समर्थन देने को लेकर कांग्रेस कोई फ़ैसला नहीं कर सकी।
सोमवार शाम को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र और वर्ली सीट से विधायक आदित्य ठाकरे पार्टी के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल से मुलाक़ात की। सोमवार को ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी मुंबई में पार्टी के कोर ग्रुप के सदस्यों से राजनीतिक हालात पर चर्चा की। दिन में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात हुई।
संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि यह बीजेपी का अहंकार है कि वह राज्य में सरकार बनाने से मना कर रही है और ऐसा करके वह महाराष्ट्र की जनता का अपमान कर रही है। राउत ने कहा कि बीजेपी विपक्ष में बैठने के लिये तैयार है लेकिन वह शिवसेना को सत्ता में 50-50 की भागीदारी देने के लिये तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी 50-50 के फ़ॉर्मूले पर सहमत थी।
राउत ने कहा कि अगर राज्यपाल ने उन्हें ज़्यादा समय दिया होता तो उनकी पार्टी के लिये सरकार बनाना आसान होता। उन्होंने कहा कि बीजेपी को 72 घंटे दिये गये जबकि हमें कम समय दिया गया, यह बीजेपी की राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की रणनीति है।
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