मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र सरकार पर ज़ोरदार हमला करते हुए राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए हैं, उससे जुड़ा वॉट्सऐप मैसेज भी सार्वजनिक कर दिया है।
उन्होंने चिट्ठी में एसीपी संजय पाटिल के साथ हुई वॉट्सऐप चैट का भी जिक्र किया है, जिसमें संजय पाटिल ने भी माना है कि अनिल देशमुख ने उन्हें अपने सरकारी आवास पर बुलाया था और उनको रेस्टोरेंट बार से 40 से 50 करोड़ हफ्ता के तौर पर इकट्ठे करने के लिए कहा था।
क्या है वॉट्सऐप चैट में?
सत्य हिन्दी को परमबीर सिंह की लिखी चिट्ठी मिली है। इसमें ही उन्होंने संजय पाटिल के साथ हुए वॉट्सऐप चैट का हवाला दिया है। प्रस्तुत है अंग्रेजी में हुए उस चैट का अनुवाद।
मैं यानी परमबीर सिंह (16 फरवरी) : पाटिल, जब आपने फरवरी में उनसे मुलाकात की थी तो एचएम (होम मिनिस्टर यानी गृह मंत्री) सर और पलान्डे ने बार और दूसरे संस्थानों के बारे में क्या कहा था। और उन्होंने कुल कितनी रकम उगाहने की बात कही थी।
मैं : अर्जेन्ट प्लीज़।
एसीपी पाटिल : मुंबई के 1750 बार और दूसरे प्रतिष्ठान। हर प्रतिष्ठान से तीन लाख। उनकी जानकारी के मुताबिक हर महीने कुल 50 करोड़ रुपए की वसूली। एसीपी पाटिल : मिस्टर पलान्डे ने 4 मार्च को डीसीपी भुजबल एनफ़ोर्समेंट के सामने यह कहा था।
मैं : और इसक पहले आपने एचएम सर से कब मुलाकात की थी।
एसीपी पाटिल : हुक्का ब्रीफ़िंग के चार दिन पहले।
मैं : और किस तारीख को वाजे ने एचएम सर से मुलाकात की थी।
एसीपी पाटिल : सर, मुझे तारीख ठीक से याद नहीं है।
मैं : आपने कहा था कि आपकी मुलाकात के कुछ दिन पहले की बात है।
एसीपी पाटिल : हाँ सर, यह फरवरी के अंत की बात है।
मैं : पाटिल, मुझे कुछ और जानकारियाँ चाहिए।
मैं (19 फरवरी) : क्या वाजे ने एचएम सर से मुलाकात के बाद आपसे मुलाकात की थी।
एसीपी पाटिल : हाँ सर, वाजे ने एचएम सर से मिलने के बाद मुझसे मुलाकात की थी।
मैं : क्या उन्होंने आपसे इस पर कुछ कहा था कि एचएम सर ने उन्हें क्यों बुलाया था।
एसीपी पाटिल : इस मीटिंग का उद्येश्य यह था, जैसा कि उसने मुझे कहा था, मुंबई में 1750 प्रतिष्ठान हैं और वह हरेक से तीन लाख रुपए वसूले, यह 40 से 50 करोड़ के बीच होगा।
मैं : एचएम सर ने आपसे भी यही बात कही थी।
एसीपी पाटिल : 4 मार्च को उनके पीएस पलान्डे ने मुझसे यही बात कही थी।
मैं : अरे हाँ, आपने पलान्डे से 4 मार्च को मुलाकात की थी।
एसीपी पाटिल : हाँ सर, मुझे बुलाया गया था।
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