मोहनदास कर्मचंद गाँधी के महात्मा गाँधी बनने की कहानी कहता उपन्यास 'पहला गिरमिटिया' छप कर आया तो हिन्दी साहित्य जगत में एक तरह से तूफ़ान आ गया और इसके साथ ही इसके लेखक गिरिराज किशोर एकदम से छा गए।
आज भारती जी की जयंती है। आज वह होते तो वह तिरानवे साल के होते। उन्हें 1972 में साहित्य में योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार दिया गया था। आज उन्हें किस रूप में याद किया जाए?
एक शानदार ज़िंदगी पूरी करके शौकत आपा के नाम जानी जाने वाली शौकत कैफ़ी (1928-2019) इंतक़ाल फरमा गयीं। शौकत आपा ने एक शानदार ज़िंदगी जी। वह बेहतरीन अदाकारा थीं।
टी. एन. शेषन ने मुख्य चुनाव आयुक्त बनते ही जिन सुधारों का एलान किया और जिस सख़्ती से उन्हें लागू करवाया, उसने भारतीय राजनीति की दश दिशा बदल दी। शेषन ने रविवार को अंतिम सांसें लीं।
ऐसा संयोग कम ही होता है कि किसी रचनाकार की हर रचना हमेशा आला दर्जे की, अनोखी और लाजवाब हो और कुछ भी फालतू और कामचलाऊ न लगे। खय्याम ऐसे ही दुर्लभ संयोगों से बने थे।