यदि भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने के लिए गोपाल कांडा के समर्थन की ज़रूरत नहीं होती, तो क्या लोगों का ध्यान इस ओ गया होता? क्या इस तरह के कांड करने वाले अकेले व्यक्ति हैं गोपाल कांडा?
जब देश में आर्थिक हालात बेहद ख़राब हों तो दीपावली का जश्न फ़ीका लगता है। लेकिन मीडिया और सत्तारुढ़ वर्ग यह बताने की कोशिश कर रहा है कि देश में सब कुछ सामान्य है।
महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में एक के अलावा बाक़ी सारे एग्ज़िट पोल्स ने जो नतीजे दिखाए उन्होंने किसी भी तरह के “एरर ऑफ़ मार्जिन” के सिद्धांत को भंग कर दिया है।
नरेंद्र मोदी को अब किसी मुग़ालते में नहीं रहना चाहिए। राहुल गाँधी को फ़िलहाल राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव का यह साफ़ संदेश है।
संघ से चलकर बीजेपी में आने वाले और पार्टी में लंबा सफर तय करने वाले राजनाथ सिंह ने कहा कि सावरकर भारतीय इतिहास के महानायक थे, हैं और रहेंगे। क्या सचमुच?
विनायक दामोदर सावरकर पर आरोप लगता है कि उन्होंने 'भारत छोड़ो' आन्दोलन कुचलने में अंग्रेज़ों का साथ दिया था। आज उन्हें देश का सर्वोच्च पुरस्कार देने की माँग की जा रही है।
आरएसएस के राजनैतिक जेबी संगठन बीजेपी ने महाराष्ट्र चुनाव में जारी अपने संकल्प पत्र में हिंदुत्व विचारधारा के जनक वीर सावरकर को भारत रत्न दिलाने का वादा किया है। लेकिन क्या सावरकर इसके काबिल हैं?
बीजेपी के अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह क्यों कहते हैं कि इतिहास को फिर से लिखे जाने की ज़रूरत है? क्या वे इतिहास तथ्यों के आधार लिखवाना चाहते हैं या अपनी मनमर्जी से?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लज़ीज़ लाब्स्टर और बिरयानी खिलाने के बीच यह बात देशवासियों को क्यों नहीं बतायी गयी कि चीन कैसे भारत के गले में फंदा डालने में लगा है?
निर्मला सीतारमण ने देश की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के लिए पिछली सरकार को ज़िम्मेदार बता दिया है। क्या सिर्फ़ दूसरे को दोष देकर समस्या का समाधान हो जाएगा?
पीएमसी बैंक के संचालकों के डिफ़ॉल्टर होने का प्रभाव सीधे जनता पर पड़ रहा है और यह जानलेवा बन गया है। इसे आर्थिक मंदी से जोड़कर सरकारें अपना पीछा नहीं छुड़ा सकतीं।
एक बार फिर सावरकर को भारत रत्न देने की बात उठी है और वह भी चुनावी मौसम में। इस बार यह बात भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में छापकर चर्चा में लायी गयी है।