लंबे वक़्त तक कांग्रेस आलाकमान के लिए सिरदर्द बना रहा पंजाब कांग्रेस का झगड़ा शायद जल्द ही ख़त्म हो सकता है। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा है कि पार्टी जल्द ही सुनील जाखड़ की जगह किसी दूसरे नेता को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्त करेगी और उसके बाद अमरिंदर कैबिनेट में भी कुछ नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। रावत ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि ऐसा 2-3 दिन के अंदर हो जाएगा।
रावत ने कहा कि किसी ने भी मुख्यमंत्री को बदलने की मांग नहीं की है, कुछ मुद्दे थे जिन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रावत ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि सब कुछ 8 जुलाई से पहले ठीक हो जाएगा।
सोनिया से मिले थे कैप्टन
पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कुछ दिन पहले कांग्रेस आलाकमान के दरबार में हाज़िरी लगाई थी। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ हुई मुलाक़ात के बाद कैप्टन ने कहा था कि उन्हें आलाकमान का हर फ़ैसला मंजूर है।
कैप्टन ने यह भी कहा था कि पार्टी पंजाब में चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। पंजाब में फरवरी-मार्च, 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
हरीश रावत ने उम्मीद जताई कि नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा और कैबिनेट में बदलाव के बाद पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक होगा और सभी की नाराज़गी दूर होगी।
रावत ने बाग़ी नेता नवजोत सिंह सिद्धू का नाम लेते हुए कहा कि सिद्धू ने अपनी बंदूक को सही जगह मोड़ दिया है। उनका इशारा सिद्धू के हालिया ट्वीट्स को लेकर था, जिनमें सिद्धू ने अमरिंदर सिंह के बजाए पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल पर हमला बोला है।
रावत ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से फ़ोन पर कहा कि कैबिनेट में वाल्मीकि समुदाय से भी एक चेहरे को शामिल किया जाएगा। पंजाब में इस बार दलित सीएम या डिप्टी सीएम की मांग तेज़ है और इसे देखते हुए माना जा रहा है कि कैप्टन अपनी कैबिनेट में दलित समुदाय के लोगों को भी जगह देंगे। इसके साथ ही पिछड़े समाज को भी जगह मिलने की बात कही जा रही है।
‘हिंदू अध्यक्ष’ का तीर
इस बात की उम्मीद कम है कि नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा क्योंकि अमरिंदर सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बनाने का विरोध कर चुके हैं। सिद्धू फिर से अमरिंदर कैबिनेट में आएंगे या नहीं, इस पर सभी की निगाहें रहेंगी।
हिंदू-सिख की जोड़ी रहेगी बेहतर
सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना पार्टी के लिए भी मुफ़ीद सौदा नहीं होगा। पंजाब में 40 फ़ीसदी आबादी हिंदू है और मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों अहम पदों पर सिख समुदाय के शख़्स के काबिज होने से हिंदू समुदाय के साथ-साथ सिख मतदाताओं के बीच भी सियासी नुक़सान हो सकता है। जबकि हिंदू और सिख का कॉम्बिनेशन पार्टी के लिए बेहतर साबित होगा।
पंजाब के झगड़े को ख़त्म करने के लिए आलाकमान ने जो तीन सदस्यों का पैनल बनाया था, उसने अपनी सिफ़ारिश में कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू को कोई अहम पद दिया जाना चाहिए। देखना होगा कि सिद्धू को कांग्रेस आलाकमान की ओर से क्या नई जिम्मेदारी मिलती है।
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