loader

किसान आंदोलन: बादल का मोदी को खत, इमरजेंसी की याद दिलाई 

मोदी सरकार को कृषि क़ानूनों के कारण अपने पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल को खोना पड़ा। हरियाणा में उसकी सहयोगी जेजेपी और राजस्थान में सहयोगी आरएलपी उसे चेता चुके हैं लेकिन वह अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नहीं दिखती। शायद उसे ऐसा लगता है कि अगर वह पीछे हटी तो यह मोदी के निज़ाम के लिए बड़ी चुनौती होगी। 

किसानों के लाख बार अनुरोध करने के बाद जब मोदी सरकार कृषि क़ानूनों पर पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुई तो किसानों ने दिल्ली के बॉर्डर्स पर डेरा डाल दिया। अब नया अनुरोध भारत की सियासत के सबसे बुजुर्ग और तजुर्बेकार नेता सरदार प्रकाश सिंह बादल ने किया है। 

बादल ने वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी को ख़त लिखकर कहा है कि वह किसानों के आंदोलन का कोई शांतिपूर्ण हल निकालें और इसके लिए आंदोलन में शामिल लोगों से और राज्यों से लगातार बातचीत करें। 

ताज़ा ख़बरें

बादल ने कहा है, ‘बातचीत, सुलह और सहमति किसी भी लोकतंत्र की बुनियाद हैं। बातचीत की प्रक्रिया से सुलह का रास्ता निकलता है और सुलह ही टकराव से बचने का एकमात्र जरिया है।’ बादल ने किसानों और सरकार के बीच जारी टकराव को लेकर यह बात कही है। 

Badal writes to PM Modi on kisan protest in delhi  - Satya Hindi
एक वक़्त में एनडीए के संयोजक रहे बादल ने इंदिरा गांधी के निज़ाम के दौरान 1975 में लगी इमरजेंसी का जिक्र करते हुए लिखा है, ‘मैंने इमरजेंसी के दौरान तानाशाही के ख़िलाफ़ जंग लड़ी है। मेरा अनुभव मुझे बताता है कि लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करने से ही सबसे कठिन हालात के भी हल का रास्ता निकल सकता है।’ 

सुनिए, किसान आंदोलन पर चर्चा-

92 साल के बादल ने कहा है कि यह सरकार की विफलता रही है कि एक ऐसे मुद्दे पर जिससे 70 फ़ीसदी लोग प्रभावित होते हों, सरकार ने राज्यों के साथ बात तक नहीं की। पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके बादल ने कहा कि इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है कि संघीय ढांचे के हिमायती रहे मोदी ऐसा भी कर सकते हैं। उन्होंने लिखा है कि इस बात पर भी भरोसा करना मुश्किल है कि प्रचंड जनादेश हासिल करने वाली सरकार इस तरह के फ़ैसले ले सकती है। 

पंजाब से और ख़बरें

सियासी नुक़सान की आशंका

जब मोदी सरकार अध्यादेश लाई थी, तभी से पंजाब में किसानों का आंदोलन शुरू हो गया था। जब सरकार ने जिद पर अड़कर क़ानून बना दिए तो किसानों ने प्रदर्शन तेज़ कर दिया और किसानों के ग़ुस्से से सियासी नुक़सान की संभावना को देखते हुए शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था। अकाली कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया। 

प्रकाश सिंह बादल ने हाल ही में उन्हें मिला पद्म विभूषण अवार्ड वापस किया है। उनके साथ ही सिख राजनीति के बड़े चेहरे सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी पद्म भूषण वापस कर दिया है।

‘राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर’

किसान आंदोलन के बीच ही कुछ दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। शाह के साथ बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा था कि उन्होंने गृह मंत्री को पंजाब के हालात के बारे में जानकारी दी है और मांग की है कि इस मसले का हल जल्दी निकलना चाहिए। उन्होंने कहा था कि किसान आंदोलन से पंजाब की माली हालत और राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर हो रहा है। 

पंजाब के नेता जानते हैं कि किसानों की नाराज़गी मोल लेकर सियासत करना असंभव है। ऐसे में ख़ुद को किसानों का सबसे बड़ा हिमायती दिखाने की पुरजोर कोशिश जारी है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

पंजाब से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें