loader

सिद्धू दिल्ली तलब, कार्रवाई करेगा या अभयदान देगा हाईकमान?

पंजाब कांग्रेस में लंबे वक्त से चल रही सियासी उथल-पुथल के सूत्रधार नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी हाईकमान ने गुरूवार को दिल्ली तलब किया है। 

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने वाले सिद्धू का बीते दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कहते सुनाई दिए थे कांग्रेस बिलकुल मरने वाली स्थिति में है। इस दौरान उनके मुंह से एक अपशब्द भी निकला था। 

बताया जाता है कि इस वीडियो के वायरल होने के बाद पंजाब कांग्रेस के कई नेता चाहते हैं कि सिद्धू के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन चुनाव की दहलीज पर खड़े पंजाब में सिद्धू के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का फ़ैसला क्या सही रहेगा, यह तय करना हाईकमान के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। 

ताज़ा ख़बरें

बहरहाल, दिल्ली में सिद्धू की मुलाक़ात पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत और पार्टी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से होनी है। रावत ने ट्वीट कर कहा है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया गया है। 

पंजाब लंबे वक़्त से कांग्रेस हाईकमान के लिए सिरदर्द बना हुआ है। पार्टी को डर है कि नवजोत सिंह सिद्धू की हरक़तों के कारण उसका सत्ता में वापसी करना मुश्किल हो सकता है। 

सिद्धू के तेवर बरकरार दिखते हैं क्योंकि वह मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बेटे की शादी में भी नहीं आए। 

Navjot Singh Sidhu called Delhi  - Satya Hindi
सिद्धू ने जब पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया था तब भी पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह एक स्थिर शख़्स नहीं हैं। इसके अलावा भी तमाम तरह के आरोप अमरिंदर सिंह ने सिद्धू पर लगाए थे।
पंजाब में पांच महीने के अंदर चुनाव होने हैं और उससे ठीक पहले सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे देने से पार्टी निश्चित रूप से मुश्किलों से घिर गई है। सिद्धू की वजह से ही पार्टी ने अपने पुराने वफादार सिपाही अमरिंदर सिंह को लगभग खो दिया है।
पंजाब उन ग़िने-चुने राज्यों में है, जहां कांग्रेस सत्ता में है। इसलिए पार्टी किसी भी क़ीमत पर इस राज्य को खोना नहीं चाहती। लेकिन ‘ईंट से ईंट बजा दूंगा’ का बयान देने वाले सिद्धू उसके लिए कब नई मुसीबत खड़ी कर दें, कोई नहीं जानता। 

पंजाब से और ख़बरें

हालांकि सिद्धू ने लखीमपुर खीरी मामले में सक्रियता दिखाई और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ वह लखीमपुर भी पहुंच गए थे। लेकिन उनके उग्र व्यवहार और मुख्यमंत्री चन्नी के साथ दूरी बनाने की वजह से कांग्रेस को डर है कि विधानसभा चुनाव में वह कहीं पार्टी की लुटिया न डुबो दें। 

देखना होगा कि पंजाब चुनाव से पहले सिद्धू क्या फिर से पार्टी के लिए सक्रिय होकर काम करेंगे या फिर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और हाईकमान के लिए कोई नयी मुश्किल खड़ी करेंगे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

पंजाब से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें