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पंजाब के चुनाव में प्रशांत किशोर की मदद ले सकती है कांग्रेस

कांग्रेस एक बार फिर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवाएं ले सकती है। चुनावी राज्य पंजाब में पार्टी ऐसा कर सकती है, इस बात के संकेत ख़ुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने दिए हैं। 

पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू बनाम चन्नी की जंग के बीच कांग्रेस पंजाब की सत्ता में वापसी की तमाम कोशिशें कर रही है। चन्नी सरकार ने हाल ही में बिजली दरों में कटौती के साथ ही सरकारी मुलाजिमों के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाने सहित कई बड़े एलान किए हैं। 

इस बीच, चन्नी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह इस बात को कह रहे हैं कि पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी भी प्रशांत किशोर की सेवाएं लेने की सलाह दे रहे हैं। चन्नी ने ‘आज तक’ से बातचीत में कहा कि हरीश चौधरी ने उनसे कहा है कि वे किशोर के साथ कांग्रेस की रणनीति को साझा करें और यह निर्देश पार्टी हाईकमान की ओर से आया है। 

कई राजनीतिक दलों के लिए रणनीति बना चुके प्रशांत किशोर हाल ही में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अपने चुनावी प्रबंधन का लोहा मनवा चुके हैं। 

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अमरिंदर ने बनाया था सलाहकार

अमरिंदर सिंह जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने प्रशांत किशोर को मुख्य सलाहकार नियुक्त किया था। लेकिन इस साल अगस्त में किशोर ने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और कहा था कि वह पंजाब के 2022 के चुनाव में शामिल नहीं होंगे। प्रशांत 2017 के उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं।

अमरिंदर सिंह के नई पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरने और कृषि क़ानून रद्द होने पर बीजेपी के साथ गठबंधन करने के एलान से कांग्रेस खासी सतर्क हो गई है।

कांग्रेस को दी थी नसीहत

प्रशांत किशोर ने हाल ही में कांग्रेस को नसीहत दी थी। किशोर ने कहा था कि बीजेपी कई दशकों तक कहीं नहीं जाने वाली और दिक्क़त इस बात की है कि राहुल गांधी इस बात को नहीं समझते। 

Prashant Kishor may Campaign For Punjab congress  - Satya Hindi

हमलावर हैं ममता 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों कांग्रेस पर हमलावर हैं। ममता ने कुछ दिन पहले गोवा में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ़ इसलिए ताक़तवर होते जा रहे हैं क्योंकि कांग्रेस राजनीति को लेकर गंभीर नहीं है। प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता के लिए काम कर चुके हैं और अभी भी उनकी टीम ममता को सेवाएं दे रही है। 

Prashant Kishor may Campaign For Punjab congress  - Satya Hindi

प्रशांत किशोर पर सवाल

ममता कांग्रेस के नेताओं को तोड़ रही हैं। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरो के अलावा महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं सुष्मिता देव और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे ललितेश पति त्रिपाठी भी कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल हुए हैं। इस तरह की ख़बरें भी आम हैं कि कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़कर टीएमसी में जाने में प्रशांत किशोर का हाथ है। फलेरो इस बात का संकेत दे चुके हैं। 

ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच इन दिनों रिश्ते तल्ख हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर जिनकी नज़दीकी ममता से ज़्यादा है, क्या वे कांग्रेस के लिए काम करने के लिए तैयार होंगे?
प्रशांत किशोर की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाक़ात हो चुकी है और लंबे वक्त से उनके बारे में ऐसी चर्चा थी कि वह कांग्रेस में शामिल होंगे लेकिन यह बात परवान नहीं चढ़ सकी।
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2022: करो या मरो 

कांग्रेस जानती है कि 2022 का साल उसके लिए कितना अहम है। यह साल उसके राजनीतिक भविष्य का भी फ़ैसला करेगा क्योंकि 2024 में अगर उसे बीजेपी के सामने खड़े होना है तो इस साल होने वाले सात राज्यों के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना ही होगा। 

उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल जैसे बड़े राज्यों में वह लगभग शून्य हो चुकी है और अगर 2022 में भी वह बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई तो बीजेपी के ख़िलाफ़ बनने वाली किसी फ्रंट की अगुवाई करने का मौक़ा उसके हाथ से निकल जाएगा। 

ऐसे हालात में कांग्रेस मुंह सामने खड़े पांच राज्यों के चुनाव में किसी भी सूरत में कोताही नहीं बरतना चाहती। कम से कम वह पंजाब को नहीं खोना चाहती, जहां उसकी सरकार चल रही है। 

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क़मर वहीद नक़वी

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