कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने 31 मार्च तक के लिए पूरे राज्य में लॉकडाऊन का एलान कर दिया है। इसे तुरन्त प्रभाव के साथ लागू भी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को इससे जुड़ा शासनादेश लागू करते हुए कहा कि यह आदेश जारी होने के साथ ही प्रभावी माना जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी लोग अपने-अपने घरों में ही रहें और हर परिवार से सिर्फ़ एक आदमी बाहर जाए और वह भी बहुत ज़रूरी होने पर।
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सब कुछ बंद
इस लॉकडाऊन का मतलब यह है कि 31 मार्च तक पूरे पंजाब में बंद की स्थिति रहेगी। सरकारी और निजी दफ़्तर, स्कूल-कॉलेज, दुकानें, बाज़ार, परिवहन के तमाम साधन, सबकुछ पूरी तरह बंद रहेंगे। लोगों से कहा गया है कि वे अपने घरों में रहें, बाहर न निकलें।जालंधर, पटियाला और बठिंडा के उपायुक्तों ने शनिवार को ही आदेश जारी कर कहा था कि जनता कर्फ्यू रविवार से आगे बढ़ाया जाएगा। इसके बाद रविवार को मुख्यमंत्री ने पूरे राज्य में ही लॉकडाऊन का आदेश दे दिया।
'जनता कर्फ्यू' का ज़बरदस्त असर पंजाब में भी दिख रहा है। सड़कें सुनसान हैं। चारो ओर सन्नाटा पसरा हुआ है। दफ़्तर, दुकान, बाज़ार, परिवहन, सब कुछ बंद है।
अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में भी सुबह 10 बजे तक नाम मात्र के श्रद्धालु आए। इसके पहले दरबार साहिब में रविवार को आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद दो लाख के आसपास रहती थी। हालांकि दरबार साहिब में सबद-कीर्तन पहले की तरह चल रहा है, लेकिन श्रद्धालु नदारद हैं।
पंजाब के तमाम राजनीतिक दलों ने राजनीतिक भेदभाव से ऊपर उठकर 'जनता कर्फ्यू' का समर्थन किया है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जिस तरह से दुनिया भर के प्रभावित देश लॉकडाउन कर रहे हैं यानी पूरे देश को बंद कर रहे हैं वैसा ही लॉकडाउन रविवार को भारत में है। यह लॉकडाउन 'जनता कर्फ्यू' के रूप में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में 'जनता कर्फ्यू' की बात कही
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