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राजस्थान में घमासान: पायलट गुट का दावा- गहलोत गुट के 10-15 विधायक हैं संपर्क में

राजस्थान की सियासत में कांग्रेस के बाग़ी नेता सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट में एक-दूसरे पर दबाव बनाने का खेल जोरों पर है। यह दबाव इस तरह बनाया जा रहा है कि एक गुट कहता है कि दूसरे गुट के इतनी संख्या में विधायक उसके संपर्क में हैं तो दूसरा गुट प्रतिद्वंद्वी गुट के इससे ज़्यादा विधायकों के उसके संपर्क में होने का दावा करता है। 

 

सोमवार को जैसे ही यह ख़बर आई कि कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि पायलट गुट के तीन विधायक उनके संपर्क में हैं और 48 घंटों के भीतर वापस उनके पास आ जाएंगे तो हरियाणा से लेकर दिल्ली तक हलचल तेज हो गई। लेकिन थोड़ी ही देर बाद पायलट गुट के एक विधायक ने इससे बड़ा दावा कर दिया।

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न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, पायलट गुट के विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा, ‘गहलोत गुट के 10-15 विधायक हमारे संपर्क में हैं और वे कह रहे हैं कि जैसे ही आज़ाद होंगे, हमारे पाले में आ जाएंगे।’ बता दें कि गहलोत ने अपने गुट के विधायकों को जयपुर के फ़ेयरमांट होटल में रखा हुआ है। 

चौधरी ने मुख्यमंत्री गहलोत को चुनौती देते हुए कहा कि अगर गहलोत विधायकों से बंदिश हटाते हैं तो यह साफ हो जाएगा कि उनके साथ कितने विधायक हैं।

अशोक गहलोत पुराने सियासतदां हैं और बख़ूबी जानते हैं कि जबरदस्त तनाव के इन पलों में किस तरह की चाल चलनी है। लेकिन पायलट गुट भी गहलोत गुट के किसी क़दम के बाद जोरदार पलटवार करने का मौक़ा नहीं चूकता।

गहलोत के दावों को किया खारिज 

गहलोत पहले ही दिन से यह कहते रहे हैं कि हरियाणा के होटल में बाग़ी विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है, वे बहुत परेशान हैं, वहां बाउंसर लगाए हुए हैं और विधायक बार-बार उन्हें फ़ोन कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में पायलट गुट के विधायकों ने एक वीडियो जारी कर गहलोत की इन सियासी बातों की हवा निकाल दी थी। इसके बाद पायलट गुट ने 30 विधायकों का समर्थन उनके साथ होने का दावा किया था। 

राजस्थान के सियासी घमासान पर देखिए, वीडियो - 
गहलोत कई बार कह चुके हैं कि उनके पास 102 विधायकों का समर्थन है। लेकिन ऐसे में जब पायलट गुट के विधायक चुनौती दे रहे हैं कि गहलोत गुट के 10-15 विधायक उनके संपर्क में हैं तो मामला बेहद रोमांचक हो गया है। 
गहलोत को इस बात का डर है कि होटल से बाहर आने पर विधायक पाला बदल सकते हैं, इसीलिए उन्होंने हाल ही में हुई विधायक दल की बैठक में कहा था कि विधायकों को अभी 21 दिन और होटल में ठहरना पड़ सकता है।

कांग्रेस की परेशानी 

विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस राजभवन में विधायकों की नारेबाज़ी से लेकर तमाम क़दम उठा चुकी है। इस सबके बाद राज्यपाल ने कुछ शर्तों के साथ विधानसभा सत्र बुलाने की बात कही है। कांग्रेस जानती है कि विधायकों को लंबे समय तक होटल में रखना संभव नहीं है, ऐसे में सत्र बुलाकर तुरंत विश्वास मत हासिल किया जाए और इस मुसीबत से अपना पिंड छुड़ाया जाए।  

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विधायकों के पाला बदलने का डर

कुल मिलाकर गहलोत और पायलट गुट एक-दूसरे पर मनोवैज्ञानिक दबाव तो बना ही रहे हैं, दोनों के सामने अपने विधायकों को साधे रखने की भी चुनौती है। इसीलिए कांग्रेस बार-बार कहती है कि पायलट अपने विधायकों के साथ आकर पार्टी नेतृत्व से बात करें। लेकिन बाग़ी नेता पायलट को भी इस बात का डर है कि अब तक उनके साथ रहे विधायक होटल से बाहर निकलने के बाद कहीं पलटी न मार दें। 

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क़मर वहीद नक़वी

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