loader
फ़ाइल फ़ोटो।

राजस्थान: 20 करोड़ की घूस मामले में संघ के प्रचारक निंबाराम पर केस दर्ज 

राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक निंबाराम को लेकर इन दिनों बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। वज़ह यह है कि एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रिश्वत लेने के एक मामले में निंबाराम के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है। कांग्रेस ने मांग की है कि निंबाराम की गिरफ़्तारी की जानी चाहिए। 

क्या है मामला?

जयपुर ग्रेटर नगर निगम में घर-घर से कचरा उठाने का काम बीवीजी इंडिया लिमिटेड नाम की कंपनी के पास है। आरोप है कि जयपुर की पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर ने इस कंपनी के दो कर्मचारियों के साथ बातचीत में रिश्वत मांगी है और इस दौरान वहां निंबाराम भी मौजूद थे। 

इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें कथित रूप से राजाराम गुर्जर को बीवीजी कंपनी के कर्मचारियों से 20 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगते हुए सुना जा सकता है। आरोप है कि कंपनी के 276 करोड़ रुपये के बकाये बिल को पास कराने के एवज में यह रिश्वत मांगी गई। इस वीडियो ने बीजेपी और संघ के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। 

एसीबी के निदेशक बीएल सोनी का कहना है कि वे इस वीडियो की जांच कर रहे हैं और इस मामले में सौम्या गुर्जर की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं।

ताज़ा ख़बरें

एसीबी ने बीजेपी नेता राजाराम गुर्जर, बीवीजी इंडिया लिमिटेड कंपनी के प्रमुख ओमकार सपरे को इस मामले में गिरफ़्तार कर लिया है। इसके बाद एसीबी ने निंबाराम के भी ख़िलाफ़ इस मामले में मुक़दमा दर्ज किया है। 

एक ऑडियो टेप भी सामने आया है जिसमें राजाराम को बीवीजी कंपनी के कर्मचारियों से कथित रूप से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि नितिन गडकरी और देवेंद्र फडणवीस भी आपकी मदद नहीं कर सकते।

बीजेपी की सफाई 

बीजेपी का कहना है कि बीवीजी की ओर से कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के तहत जयपुर में चलाई जा रही प्रदर्शनी के लिए 5 करोड़ रुपये देने की बात कही गई थी और इस पर चर्चा करने के लिए ही निंबाराम वहां मौजूद थे। 

संघ भी उतरा बचाव में 

संघ भी निंबाराम के समर्थन में उतर आया है। संघ ने रिश्वत के इस मामले में निंबाराम के शामिल होने से इनकार किया है। संघ ने कहा है कि इस तरह के फ़र्जी आरोप किसी इज्जतदार शख़्स के चरित्र की हत्या करने के लिए लगाए गए हैं और इस मामले में उसके पास क़ानूनी कार्रवाई के विकल्प खुले हुए हैं। 

संघ ने कहा है कि निंबाराम के पास कई लोग मिलने आते रहते हैं और बीवीजी कंपनी के कर्मचारियों के साथ जिस बैठक की बात कही जा रही है यह एक सामान्य बैठक थी। संघ ने कहा है कि निंबाराम किसी भी तरह की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं। 

संघ-बीजेपी बेनक़ाब: कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि इस मामले से बीजेपी और संघ का असली चेहरा लोगों के सामने आ गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि बीजेपी और संघ ख़ुद को ईमानदार और राष्ट्रवादी बताते हैं लेकिन ऑडियो और वीडियो के सामने आने के बाद इनका नकाब उतर चुका है। उन्होंने कहा कि ऑडियो और वीडियो की जांच एफ़एसएल के जरिये कराई गई है और इसके बाद ही राजाराम गुर्जर की गिरफ़्तारी हुई है। 

राजस्थान से और ख़बरें

विवादों से रहा है नाता 

राजाराम गुर्जर 2015 में करौली नगर परिषद के चेयरमैन चुने गए थे लेकिन 2019 में एक अफ़सर पर हमला करने के आरोप में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री रहते हुए सौम्या गुर्जर महिला आयोग की सदस्य थीं लेकिन एक रेप पीड़िता के साथ सेल्फ़ी लेने के कारण हुए विवाद के बाद उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था। राजाराम गुर्जर के ख़िलाफ़ ज़मीन के सौदों में गड़बड़ी को लेकर भी कई मुक़दमे चल रहे हैं। 

गहलोत सरकार ने पिछले महीने सौम्या गुर्जर और बीजेपी के तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया था। सौम्या गुर्जर और इन पार्षदों की नगर निगम के आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह के साथ हाथापाई हुई थी और इसके बाद ही राज्य सरकार ने यह फ़ैसला लिया था। 

गहलोत सरकार ने बीजेपी की पार्षद शील धाभाई को जयपुर ग्रेटर नगर निगम का कार्यवाहक मेयर बनाया था जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का क़रीबी माना जाता है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

राजस्थान से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें