राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक घमासान के बीच सचिन पायलट ने साफ़ तौर पर कहा है कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे और पार्टी नेतृत्व के सामने उनकी छवि को ख़राब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अभी भी कांग्रेसी हैं। उन्होंने यह बात 'एनडीटीवी' से बातचीत में कही। इस बीच ख़बर है कि आज की प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ़्रेंस उन्होंने टाल दी है।
इधर राजनीतिक गहमागहमी के बीच आज कांग्रेस ने सचिन पायलट और दूसरे बाग़ी विधायकों को अयोग्य घोषित कराने की मुहिम शुरू कर दी है। कांग्रेस की शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष ने 19 विधायकों को नोटिस जारी किया है और उन्हें शुक्रवार तक जवाब देने को कहा गया है। इससे पहले मंगलवार को सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद भी छीन लिया गया। उनके साथ दो और मंत्रियों पर भी कार्रवाई की गई है।
पायलट के अलावा उनके क़रीबी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है। गोविंद सिंह डोटासरा को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इन फ़ैसलों की जानकारी दी।
कार्रवाई किए जाने को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा था, ‘कांग्रेस नेतृत्व ने सचिन पायलट से दो बार बात की, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस कार्यसमिति के वरिष्ठ सदस्यों ने भी कई बार पायलट से बात की, हमने पायलट और अन्य विधायकों से अपील की कि उनके लिए सारे दरवाजे खुले हुए हैं लेकिन वे बीजेपी के षड्यंत्र में फंसकर राजस्थान सरकार को गिराने की साज़िश में शामिल हो गए।’ सुरजेवाला ने कहा कि इसे क़तई स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पायलट पर की जा रही कार्रवाई से नई ऊँचाई पर पहुँची राजस्थान कांग्रेस में तल्खी के बीच ही उन्होंने कहा, 'मैं बीजेपी में शामिल नहीं हो रहा हूँ। मैं यह स्पष्ट करना चाहूँगा कि मेरी बीजेपी में शामिल होने की कोई योजना नहीं है। मुझे बीजेपी से जोड़ने का प्रयास मुझे कांग्रेस आलाकमान की नज़र में बदनाम करना है।'
कांग्रेस में लगातार कार्रवाई का सामना कर रहे पायलट ने कहा कि मैं अभी भी कांग्रेस का सदस्य हूँ।
सचिन पायलट रविवार को तब बग़ावत पर उतर आए थे जब उनके प्रतिद्वंद्वी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनकी अंदरुनी लड़ाई खुलकर सामने आ गई। राजस्थान एटीएस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने शुक्रवार को सचिन पायलट को नोटिस जारी किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। गहलोत ने यह भी कहा था कि बीजेपी कांग्रेस के हर विद्रोही विधायक को 15 करोड़ रुपए का प्रलोभन दे रही है। इसके बाद ही पायलट को नोटिस मिला है।
इस नोटिस के बाद दोनों नेताओं के बीच कटुता काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई। इसी बीच सचिन पायलट अपने समर्थक 19 विधायकों के साथ रविवार सुबह ही दिल्ली पहुँच गए थे। तब कहा जा रहा था कि वह वहाँ पार्टी हाई कमान से मुलाक़ात कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं।
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