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ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर भय्यू महाराज ने की थी आत्महत्या!

संत भय्यू महाराज (उदय सिंह देशमुख) के आत्महत्या मामले का रहस्य एक बार फिर गहरा गया है। एक वकील से पांच करोड़ रुपये की फ़िरौती माँगने के आरोप में इंदौर पुलिस ने महाराज के बेहद पुराने और क़रीबी ड्राइवर कैलाश पाटिल उर्फ भाऊ को बुधवार को गिरफ़्तार किया है। भाऊ ने फ़िरौती मामले से इतर पुलिस की पूछताछ में भय्यू महाराज सुसाइड केस से जुड़े कई ऐसे राज का पर्दाफ़ाश किया है जिसने प्रदेश की पुलिस को भी केस की और गहराई से जाँच करने को मजबूर कर दिया है।
भय्यू महाराज लोकपाल की नियुक्ति को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा जंतर-मंतर पर किए गए आमरण अनशन को तुड़वाने के लिए यूपीए सरकार के दूत बनकर पहुँचे थे। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी का अनशन भी ख़त्म कराया था। इसके बाद भय्यू महाराज अचानक सुर्खियों में आए थे।
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, 50 वर्षीय भय्यू महाराज ने इस साल 12 जून को इंदौर स्थित अपने घर में लाइसेंसी रिवॉल्वर से ख़ुद को गोली मार ली थी, जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई थी। भय्यू महाराज के आत्महत्या मामले ने देशभर में उनके समर्थकों को काफ़ी चौंकाया था। घटना के वक़्त कमरा भीतर से बंद था, लिहाजा हत्या या किसी तरह की साजिश की संभावनाएँ पुलिस को नजर नहीं आई थीं। छह महीनों की जांच-पड़ताल के बाद पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुँची थी कि मामला आत्महत्या का ही है और भय्यू महाराज को किसी ने मारा नहीं है।
पुलिस जाँच की फ़ाइल बंद करने की तैयारी में थी। इसी बीच फिरौती मामले में धरे गए भय्यू महाराज के पुराने वफ़ादार ड्राइवर कैलाश पाटिल ने पुलिस को बताया है कि महाराज के ही आश्रम से जुड़ी मुंबई की एक युवती उन्हें लंबे समय से ब्लैकमेल कर रही थी।

40 करोड़, फ़्लैट माँग रही थी युवती

भाऊ के अनुसार, युवती 40 करोड़ रुपये कैश, मुंबई में 4 बीएचके का फ़्लैट, 40 लाख रुपये की महँगी कार और ख़ुद के लिए मुंबई के किसी बड़े कॉर्पोरेट हाउस में नौकरी के लिए भय्यू महाराज पर दबाव डाल रही थी। ब्लैकमेलिंग में विनायक दुधाले और शेखर नाम के आश्रम के दो सेवादार शामिल थे। ब्लैकमेलिंग से और पैसे दे-देकर थक चुके भय्यू महाराज तनाव में थे। भाऊ के अनुसार, युवती भय्यू महाराज के बेहद विश्वासपात्र मनमीत अरोरा के घर के सामने रहती थी। मनमीत ने युवती को विनायक और शेखर से मिलवाया था। दोनों की मदद से युवती को आश्रम में रख लिया गया था। बाद में युवती की महाराज से ‘घनिष्ठता’ हुई।
ड्राइवर भाऊ ने पुलिस के सानने यह सनसनीख़ेज ख़ुलासा किया है कि आत्महत्या से ठीक पहले भी युवती ने महाराज से बात की थी। भाऊ ने बताया कि जब युवती ने फ़ोन किया था तब सेवादार विनायक और शेखर भी मोबाइल कॉन्फ़्रेंस पर थे। भाऊ के अनुसार, युवती को महाराज ने लाखों रुपये दिए और अनेक बार भुगतान चेक और आॅनलाइन किए गए। युवती दावा करती थी कि उसके पास महाराज के वह अंत:वस्त्र हैं जिनके आधार पर वह साबित कर देगी कि महाराज ने उसका यौन शोषण किया है। वह डीएनए को लेकर धमकियाँ भी दिया करती थी।

कई महिलाओं से थे संबंध

भाऊ ने अपने ख़ुलासों में पुलिस के सामने एक अन्य सनसनीख़ेज जानकारी यह भी दी है कि महाराज के क़रीब एक दर्जन महिलाओं से अंतरंग संबंध थे।इनमें मध्य प्रदेश की दो महिला आईएएस अफ़सर भी महाराज के ‘बेहद क़रीबी’ मित्रों में शामिल थीं। पुलिस ने भाऊ और पकड़े गए दो अन्य साथियों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। अभी भाऊ और उसके साथियों से पूछताछ चल रही है।
Bhaiyyu Maharaj suscide case - Satya Hindi

मॉडल से संत तक का सफ़र

भय्यू महाराज का कारोबार मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात में फैला हुआ था। वे मूलत: मध्य प्रदेश के शाजापुर ज़िले के शुजालपुर के रहने वाले थे। साल 1968 में जमींदार परिवार में पैदा हुए उदय सिंह देशमुख ने कॉलेज पूरा करने के बाद काफ़ी समय तक मॉडलिंग की। बाद में उनका रुझान अध्यात्म की ओर हुआ। धीरे-धीरे यह बढ़ा। फ़ॉलोअर्स बढ़ने लगे और वे संत बन गए।
फ़ॉलोअर्स ने ही उन्हें राष्ट्रसंत का दर्ज़ा दे दिया था और बाद में वे इसी नाम से प्रचलित हो गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख का सहयोग मिलने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र में अपनी सल्तनत खड़ी की। पुणे में आज भी भय्यू महाराज का एक बड़ा आश्रम है। वे ज़मीनों की ख़रीद-फ़रोख्त में भी दिलचस्पी लेते रहे। मोदी का अनशन तुड़वाने के बाद गुजरात में भी उनका धंधा फैला और फ़ॉलोअर्स बढ़ गए थे।

महिलाओं को लेकर रहे विवाद में

भय्यू महाराज की पहली पत्नी का देहांत सवा दो साल पहले हो गया था। पहली पत्नी से एक बेटी है जो पूना में पढ़ती है। पहली पत्नी की मौत के कुछ महीनों बाद ही उन्होंने आश्रम की एक सेवादार और पेशे से डॉक्टर आयुषी से विवाह कर लिया था। उनके इस विवाह को बेटी कुहू ने स्वीकार नहीं किया था। इसे लेकर बाप-बेटी में विवाद होता था। बेटी को दूसरी माँ कभी रास नहीं आई।
भय्यू महाराज के सुसाइड के लिए बेटी ने सौतेली माँ को जम कर कठघरे में खड़ा किया। पहली पत्नी के रहते हुए कई महिलाओं से जुड़े उनके विवाद सामने आए। इसे लेकर दोनों के बीच अनबन भी हुआ करती थी। एक महिला मित्र ने तो महाराज से बच्चा होने तक आरोप लगाया था और वह डीएनए जाँच की माँग करती रही। भय्यू महाराज के रसूख़ के चलते मामला दब गया।
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पाटिल, लता के लिए किया था यज्ञ

शानदार कारों, महँगी घड़ियों और शानोशौकत वाली लाइफ़ स्टाइल के लिए जाने जाने वाले भय्यू महाराज के ‘फ़ॉलोअर्स’ में देश और दुनिया की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल थीं। स्वर कोकिला लता मंगेशकर के उत्तम स्वास्थ्य के लिए भय्यू महाराज ने इंदौर स्थित अपने आश्रम में एक यज्ञ भी किया था। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी उनसे यज्ञ करवाया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी उनकी राष्ट्रपति भवन में तसवीर अख़बारों में प्रकाशित हुई थी।

शिवराज ने दिया था राज्यमंत्री का दर्ज़ा

मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अपनी पत्नी के साथ कई बार भय्यू महाराज के आश्रम में जाते थे। महाराज के कई कार्यक्रमों में वह नजर आए। मंत्री का दर्ज़ा दिए जाने का एक आदेश भय्यू महाराज को लेकर भी हुआ था। भय्यू महाराज ने कुछ दिनों के सोच-विचार के बाद सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

विनायक और करोड़ों रुपये ग़ायब

महाराज के वाहन चालक ने जिस विनायक दुधाले को लेकर पुलिस को जानकारियाँ दी हैं, उसकी भूमिका महाराज की अात्महत्या के बाद से ही संदिग्ध बनी हुई है। आत्महत्या के ठीक पहले महाराज ने विनायक को सभी आश्रमों, ट्रस्ट और अन्य परिसंपत्तियों की देखरेख की जिम्मेदारियाँ दे दी थीं। महाराज के क्रियाकर्म के बाद कुछ समय तक तो वह इंदौर, महाराष्ट्र और गुजरात के आश्रमों में नजर आया, लेकिन बाद में परिवार समेत अचानक ग़ायब हो गया। बताया जाता है कि करोड़ों रुपयों का भी पता नहीं चल पा रहा है। पुलिस को उसकी लंबे समय से तलाश है। पुलिस के सूत्रों के अनुसार, बची हुई पूछताछ की वजह से ही भय्यू महाराज का केस ख़त्म नहीं हो पा रहा था।

आयुषी चाहती हैं सीबीआई जाँच

भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी ने पिछले दिनों पुलिस की जांच-पड़ताल पर असंतोष जताते हुए मामले की जाँच सीबीआई से कराए जाने की पैरवी की थी। उन्होंने विनायक दुधाले पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। यह भी कहा था कि दुधाले की वजह से ही वे पाई-पाई को मोहताज हैं और उन्हें घर ख़र्च चलाना मुश्किल हो गया है। बिजली-पानी के बिलों का भुगतान तक ना करने का रोना डॉक्टर आयुषी ने रोया था।

मामले में आया नया मोड़

भाऊ के खुलासों के बाद इस पूरे मामले में एक नया मोड़ आ गया है। पुलिस अब चाह कर भी केस को बंद नहीं कर पाएगी। नए बिन्दुओं की पड़ताल अब बेहद ज़रूरी हो गई है। चूँकि फ़िलहाल भाऊ पुलिस की रिमांड पर है, लिहाजा कई नए ख़ुलासों की उम्मीद की जा रही है।
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क़मर वहीद नक़वी

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