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योगी ने भी माना बुलंदशहर हिंसा के पीछे गहरी साज़िश

योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह ने माना है कि बुलंदशहर हिंसा एक बड़ी साज़िश का हिस्सा है लेकिन उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि इसके पीछे कौन लोग या संगठन है। बुधवार को इस बैठक में जो जानकारी दी गई है, वह मामले को गोलमोल करके रफादफा करने की चाल प्रतीत होती है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार देर रात अपने आवास पर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और पुलिस महकमे से जुड़े अधिकारियों की बैठक बुलाई। बैठक में घटना की समीक्षा कर निर्देश दिए हैं कि मामले की गंभीरता से जाँच की जाए और गोकशी में शामिल सभी लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाए।सीएम योगी ने कहा है कि घटना एक बड़ी साज़िश का हिस्सा है, इसलिए गोकशी के मामले में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी लोगों को समय पर गिरफ़्तार किया जाए। उन्होंने हिंसा में मारे गए सुमित के परिवारजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, '19 मार्च 2017 से अवैध स्लॉटर हाउस को बंद कर दिया गया है। सभी ज़िलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देश दिया गया है कि ज़िले स्तर पर ऐसे अवैध कार्य न हों अन्यथा यह उनकी सामूहिक ज़िम्मेदारी होगी।
यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि बुलंदशहर में हुई हिंसा बड़ी साज़िश है। यह केवल क़ानून-व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि जानवर का माँस वहाँ कैसे पहुँचा। इसे कौन लाया, क्यों लाया और किन स्थितियों में लाया, ये बड़े सवाल हैं। बता दें कि बुलंदशहर में गोकशी की अफ़वाह के चलते सोमवार को जमकर बवाल हुआ था जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय युवक सुमित की मौत हो गई थी। 
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क़मर वहीद नक़वी

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