loader

प्रदर्शनकारियों ने ठंड में ख़ुले में बिताई रात, नहीं लिया गया ज्ञापन 

प्रधानमंत्री शनिवार को झारखंड के पलामू में जिस मंडल डैम का शिलान्यास करने आए थे उससे विस्थापित क़रीब 1600 परिवार अपनी ज़मीन के बदले उचित मुआवज़े की मांग को लेकर डैम से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम स्थल तक क़रीब 60 किलोमीटर लंबी पद यात्रा कर रहे थे। लेकिन जैसे ही इन लोगों की पदयात्रा शुरू हुई वहाँ भारी संख्या में तैनात पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानों ने इन्हें ऊपर से आदेश का हवाला देते हुए आगे ही नहीं बढ़ने दिया। 

पुलिस ने रोका कारवां

विस्थापन का दंश झेल रहे ये लोग मुआवज़े की मांग को लेकर प्रधानमंत्री से मिलकर अपना ज्ञापन देना चाहते थे। लेकिन प्रधानमंत्री के आग़मन से एक दिन पहले इन विस्थापितों का कारवां बढ़ा ही था कि वहां मौजूद पुलिस के जवानों ने बैरिकेडिंग कर उनकी यात्रा को वहीं रोक दिया। इस स्थिति में इन लोगों ने वहीं रुक कर प्रदर्शन को जारी रखा जिससे प्रदर्शनकारियों को रात भर खुले आसमान के नीचे ही रात गुजारनी पड़ी। 

सुबह क़रीब 10:30 बजे प्रधानमंत्री का आग़मन हुआ लेकिन बावजूद इसके उन्हें ज्ञापन तक सौंपने नहीं दिया गया।
protesters could not meet pm jharkhand mandal dam  - Satya Hindi
प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से पुलिस ने रोका

मिले जायज़ मुआवज़ा 

प्रदर्शन में शामिल सिकुआ देवी ज़मीन के बदले ज़मीन की माँग करते हुए कहती हैं 'हमारी ज़मीन कश्मीर के टुकड़े जैसी थी। हम सरकार के पीछे तब तक पड़े रहेंगे जबतक हम लोगों को उचित मुआवज़ा व परिवार में किसी को नौकरी नहीं मिल जाती।' वहीं ज्ञापन न सौंप पाने से निराश मंगरू सिंह ने बताया कि सरकारी रिकॉर्ड में नौकरी व पैसे का भुगतान लिख दिया गया है, लेकिन वह नाकाफ़ी है। इस मामले को ज़ोरशोर से उठा रहे झारखंड के मंत्री के.एन त्रिपाठी कहते हैं 'प्रधानमंत्री के आगमन से पहले विस्थापित परिवारों की विभिन्न मांगों को लेकर हमने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था, लेकिन उनके आग़मन से पहले ही मुझे पुलिस ने हिरासत में ले लिया।' इस बारे में जब पलामू के आयुक्त मनोज झा से बात की गई तो उन्होंने इस पूरे मामले से ख़ुद को अनभिज्ञ बताया। 

protesters could not meet pm jharkhand mandal dam  - Satya Hindi
झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री के. एन. त्रिपाठी

बिहार को फ़ायदा, झारखंड को परेशानी 

मंडल डैम इलाके के लोग पीएम मोदी का दो मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं। पहला मुद्दा, विस्थापितों को भूमि अधिग्रहण क़ानून के मुताबिक उचित मुआवज़ा देने की मांग है और दूसरा, चूंकि प्रस्तावित डैम का लगभग 80 फ़ीसदी पानी बिहार में जाना है, इसलिए प्रभावित ग्रामीणों की मांग है कि जहां पर डैम बन रहा है वहां के 4 ज़िलों को भी पानी दिया जाए। मंडल डैम परियोजना से बिहार को सबसे ज्यादा फ़ायदा होगा। मगर इसके लिए झारखंड को बड़ी कीमत चुकानी होगी। डैम के निर्माण से झारखंड की 38,508.21 एकड़ भूमि जलमग्न होगी, जिसमें पलामू टाइगर रिजर्व के आठ गांवों को हटाया जाना है। आकड़ों के मुताबिक़, इस डैम से क़रीब 1600 परिवार यानी क़रीब 6000 से अधिक लोग विस्थापित होंगे, जिनमें 5000 के क़रीब आदिवासी व अन्य लोग हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

राज्य से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें