तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद कंधलवी के कथित ऑडियो पर रहस्य गहराता जा रहा है। उनका आडियो फ़ेक न्यूज़ है, उसके साथ छेड़छाड़ की गयी है या वह असली है, यह कैसे पता चले?
तेज़ रफ़्तार से बढ़ रहे संक्रमण से परेशान गृह मंत्री अमित शाह ने ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंस यानी एम्स के प्रमुख को अपने गृह राज्य गुजरात भेजा है।
कोरोना निगेटव साबित होने और 28 दिनों का क्वरेन्टाइन पूरा करने के बावजूद तबलीग़ी जमात के 3,000 लोगों को क्यों नहीं छोड़ रही है मोदी सरकार? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।
तबलीग़ी जमात के तीन हज़ार से ज़्यादा सदस्यों को कोरोना टेस्ट में निगेटिव पाए जाने, 28 दिनों तक क्वरेन्टाइन में रहने के बाद भी उन्हें क्वरेन्टाइन केंद्रों से नहीं छोड़ा गया है।