सरकार के इस दावे पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं कि उसने रोकथाम के उपाय कर 29 लाख लोगों को कोरोना संक्रमित होने से बचा लिया और 78 हज़ार लोगों को मौत के मुँह में जाने से रोक लिया।
स्वास्थ्य और महामारी से जुड़े विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के सरकार के तौर-तरीकों की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि इस स्थिति में यह संक्रमण नहीं रोका जा सकता है।
गुजरात की विजय रुपाणी सरकार पर आरोप लगा है कि यह अपने डॉक्टरों को पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, एन 65 मास्क और सामान्य कारगर ग्लव्स तक नहीं दे रही है।