प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ा दिया है। शायद इसके अलावा उनके पास कोई रास्ता भी नहीं था। लेकिन लॉकडाउन बढ़ने से सबसे ज़्यादा परेशान होंगे वे लोग जिनके सामने भुखमरी का ख़तरा मँडरा रहा है। वे लाखों मज़दूर भी बेचैन होंगे जो दूसरे राज्यों में फँसे हुए हैं। बल्कि अब तो उनका गुस्सा फटने की हदें छू रहा है। प्रधानमंत्री ने उनको राहत पहुंचाने के लिए कोई ऐलान नहीं किया है। ऐसे में ख़तरा इस बात का है कि कहीं वे लॉकडाउन तैडधकर उसी तरह से न निकल पड़ें जैसे पहले निकल गए थे।