loader
प्रतीकात्मक तसवीर।

कोरोना का खौफ़: 1600 किलोमीटर चलकर पहुँचा, माँ ने घर में घुसने नहीं दिया

कोरोना वायरस का खौफ भी अजीब है। जहाँ लोग दूर शहरों में फँसे अपनों को घर आने के बेसब्री से इंतज़ार में हैं वहीं 1600 किलोमीटर चलकर अपने घर पहुँचे एक युवक को उसकी माँ और भाई ने घर में घुसने नहीं दिया। वह भी तब जब युवक ने हॉस्पिटल में जाकर स्क्रीनिंग कराई थी और कोरोना पॉजिटिव होने का कोई भी लक्षण नहीं दिखा। 

यह मामला वाराणसी का है। शहर के गोला दिनानाथ मोहल्ले के 25 वर्षीय अशोक मुंबई से चलकर किसी तरह रविवार को शहर में पहुँचा था। लेकिन जब घर पहुँचा तो उसकी माँ और भाई ने दरवाज़ा नहीं खोला।

ताज़ा ख़बरें

हालाँकि देश भर में हज़ारों लोग अपनों की राह देख रहे हैं और बस एक ही उम्मीद कर रहे हैं कि वे किसी तरह अपने घर पहुँच जाते। कई ऐसे भी मामले आए हैं जहाँ लोग अपने घर पहुँचे तो ग्रामीणों ने गाँव के बाहर ही लोगों को रोक दिया, लेकिन गाँव के स्कूल या सार्वजनिक भवन में रहने की व्यवस्था की। कई ऐसे भी मामले आए हैं जहाँ लोग अपने-अपने घर पहुँचे और घर में ही ख़ुद से क्वरेंटाइन में रहे। लेकिन कुछ मामले ऐसे हैं जहाँ कोरोना के खौफ के आगे रिश्ता भी हार मान गया!

ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश में भी आया था। क़रीब पचास किलोमीटर का सफर पैदल तय कर पति के साथ इंदौर से अपने मायके उज्जैन पहुँची निलोफर नाम की महिला को उसकी माँ ने यह कहते हुए घर में नहीं घुसने दिया था कि, ‘तुम्हें घर में एंट्री दी तो हम भी मुसीबत में आ जायेंगे।’ निलोफर के तीनों बेटे कोरोना संक्रमित पाए गए थे और उन्हें पुलिस उठाकर ले गई थी। उसके घर को स्वास्थ्य महकमे ने सील कर दिया था। तब रिपोर्ट आई थी कि निलोफर और उसके पति इनायत हुसैन को घर में ही क्वरेंटाइन किया गया था। लेकिन दोनों प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए चुपचाप उज्जैन पहुँच गए। बाद में पुलिस ने दोनों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया था।
उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

वाराणसी के युवक अशोक को रहने के लिए भी पुलिस ने ही व्यवस्था कराई। 'न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने मैदागिन क्षेत्र में एक निजी हॉस्पिटल के क्वरेंटाइन सेंटर में भर्ती कराया। कोतवाली पुलिस के इन्सपेक्टर महेश पांडे ने कहा कि वह ठीक हैं, लेकिन काफ़ी थके हुए हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार अशोक मुंबई में एक रेस्त्राँ में नौकरी करते थे। रेस्त्राँ बंद हो गया तो वह क़रीब एक पखवाड़े पहले घर के लिए निकल गये। साथ में वाराणसी के आसपास के चार और लोग थे। सड़क और रेल ट्रैक से पैदल चलकर वह वाराणसी पहुँचे। घर जाने से पहले वह हॉस्पिटल में स्क्रीनिंग कराने पहुँचा। कोई लक्षण नहीं दिखने पर डॉक्टरों ने 14 दिन के लिए घर पर क्वरेंटाइन में रहने की सलाह दी। 

अशोक ने कहा कि वाराणसी कैंट स्टेशन के पास पहुँचने पर ख़ुशी में अपनी माँ को फ़ोन किया इस उम्मीद में कि घर पर लोग ख़ुश होंगे, लेकिन हुआ इसके उलट। जब अशोक घर पहुँचे तो उनकी माँ और भाई ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। अशोक ने कहा कि इसके बाद वह नाना-नानी के घर गया तो वहाँ भी उन्हें रखने से इनकार कर दिया गया। 

कहते हैं मुश्किल घड़ी में ही रिश्तों की पहचान होती है। क्या कोरोना वायरस का खौफ कभी-कभी माँ की ममता पर भी भारी पड़ रहा है?

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें