JEE NEET Exam: क्या लाखों छात्रों की ज़िन्दगी को कोरोना काल में दाँव पर लगा दिया जाए? या कोरोना की वजह से देश के लाखों छात्रों का एक साल बर्बाद कर दिया जाए? वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी का विश्लेषण। Satya Hindi
कोरोना के कारण विश्वविद्यायलों में ग्रेजुएशन की परीक्षा नहीं होने से छात्र नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। कई छात्रों का कहना है कि जब तक अगली बार वैकेंसी आएगी तब तक कई छात्र ओवरए़ज हो जाएँगे।
JEE की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच और NEET की परीक्षा 13 सितंबर को निर्धारित है। क्या लाखों छात्रों की ज़िन्दगी को कोरोना काल में दाँव पर लगा दिया जाए? क्या कोरोना की वजह से देश के लाखों छात्रों का एक साल बर्बाद कर दिया जाए?
जेईई और एनईईटी एग्जाम का मुद्दा सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। छात्रों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के ऐसे ख़तरनाक दौर में इन एग्जाम को नहीं कराया जाना चाहिए।
कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए पाकिस्तान दुनिया भर में चर्चा में है। रविवार को आई रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में 24 घंटे में कोरोना से सिर्फ़ 4 लोगों की मौत हुई। क्या पाक में कोरोना नियंत्रित हो गया?
पिछले 13 दिनों से हर रोज़ कोरोना संक्रमण के मामले दुनिया में सबसे ज़्यादा भारत में आ रहे हैं। अमेरिका से भी ज़्यादा। पिछली बार 7 अगस्त को भारत से ज़्यादा मामले अमेरिका में आए थे।
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण अब ख़तरनाक स्थिति में पहुँच गया है। यह सिर्फ़ इसलिए नहीं कि भारत में हर रोज़ संक्रमण के मामले दुनिया में सबसे ज़्यादा आ रहे हैं या फिर दुनिया में तीसरा सबसे ज़्यादा प्रभावित देश है।