दिल्ली हाई कोर्ट ने चेतावनी दी कि जो कोई ऑक्सीजन आपूर्ति रोकने की कोशिश करेगा, 'उसे लटका दिया जाएगा।' अदालत ने कहा कि यह कोरोना की दूसरी लहर नहीं, बल्कि सुनामी है और सरकार बताए कि वह उसे रोकने के लिए क्या कर रही है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं करने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उसके लिए मानव जीवन की कोई कीमत नहीं है। अदालत ने बुधवार को कड़ी टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार से कहा, 'भीख माँगो, किसी से उधार लो या चोरी करो, पर ऑक्सीजन दो।'
दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना टीके के वेस्टेज को लेकर कहा कि चूँकि महामारी किसी में भेदभाव नहीं करता है इसलिए सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जानी चाहिए। इसने वर्तमान स्थिति को केंद्र की खराब योजना का नतीजा बताया।
केंद्र ने एक दिन पहले ही अदालत में लोगों को मरकज़ में जाने की इजाजत देने पर सहमति जताई थी, लेकिन मंगलवार को इसने कह दिया कि राजधानी में नए आपदा प्रबंधन नियमों के तहत सभी धार्मिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब देश के बाकी धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है तो निजामुद्दीन के मरकज में इस तरह के प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं।
पिछले साल फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों की जाँच को लेकर विवादों में घिर चुकी दिल्ली पुलिस की तीखी आलोचना अब अदालत भी कर रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अभियुक्त के कथित कबूलनामे के लीक होने की जाँच रिपोर्ट पर पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि यह 'आधा-अधूरा और बेकार काग़ज़ का टुकड़ा है।'
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिशा रवि मामले में कुछ न्यूज़ चैनलों को सनसनी फैलाने से बचने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि 'आम तौर पर मीडिया इस तरह के सनसनीखेज तरीक़े से जानकारी प्रसारित नहीं कर सकता है।'
टूलकिट मामले में गिरफ़्तार की गई दिशा रवि की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडिया टुडे, टाइम्स नाउ और न्यूज़ 18 चैनलों को नोटिस दिया है। दिशा ने इन कथित तौर पर उनके निजी बातचीत को लीक होने और प्रसारित होने से रोकने की मांग की है।
ऐसे समय जब दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है और राज्य सरकार ने केंद्र के साथ मिल कर एक एक्शन प्लान तैयार किया है, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई है।
समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर निकलने के बाद अब केन्द्र सरकार ने समान लिंग में शादी की मंजूरी देने से इनकार करते हुए अदालत में साफ कहा है कि 'समान लिंग में शादी हमारी सभ्यता के ख़िलाफ़ है।'
पीएम केयर्स फंड पहले दिन से ही विवादों से घिरा हुआ है। दो-दो हाईकोर्ट में इससे संबंधित याचिकाएँ दायर हुई हैं और उम्मीद जगी है कि मोदी सरकार को रवैया बदलने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है।
कोरोना जाँच रिपोर्ट के देर से आने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख़्त नाराज़गी जताई है और कहा है कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित कराए कि ये रिपोर्टें 24 से 48 घंटे के अंदर मिल जाएँ।