भारत-चीन संबंधों में जो थोड़ा बहुत सुधार हुआ है क्या वह चीन का दिखावा मात्र है? अरुणाचल प्रदेश में नियंत्रण रेखा के पास बड़ी संख्या में चीनी सैनिक क्यों आए? जानिए क्या हुआ झड़प में।
लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के अलावा 76 सैनिक घायल भी हुए थे। इसमें से 18 जवानों की हालत स्थिर बताई गई है।
चीन ने बंधक बनाए गए भारत के एक लेफ़्टिनेंट कर्नल और 3 मेजर सहित 10 सैनिकों को रिहा किया है। यह रिहाई गुरुवार शाम को हुई। इन सभी को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में बंधक बना लिया गया था।
चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक कैसे शहीद हो गए और वहाँ किस तरह का घटनाक्रम चला, इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। आख़िर वहाँ हुआ क्या था?
भारत एक बार फिर चीन के विस्तारवादी इरादों का सामना कर रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा पर ज़बर्दस्त तनाव के हालात बने हुए हैं। 1962 के लिये नेहरू ज़िम्मेदार तो 20 सैनिकों की मौत की ज़िम्मेदारी क्या नरेंद्र मोदी की नहीं है?
प्रधानमंत्री मोदी ने आख़िरकार लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ और गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने आज कहा कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ और गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
लद्दाख के गलवान इलाक़े में भारतीय और चीनी सेना के हिंसक झड़प में जवानों के शहीद होने पर आज पहली बार बयान आया है। उन्होंने कहा है कि जवानों की शहादत दुखद और पीड़ादायक है।