उत्तर प्रदेश में 11 सीटों के विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी आत्मविश्वास के भरपूर है। लेकिन विपक्ष बिखरा और सुस्त पड़ा है। ऐसे में क्या वह चुनौती दे भी पाएगा?
गोरखपुर में दिमाग़ी बुखार से पीड़ित बच्चों का दिन-रात जाग कर इलाज करने वाले डॉ. कफ़ील ख़ान को योगी सरकार ने तमाम आरोपों से क्लीनचिट दे दी है। उन्हें बच्चों की जान बचाने वाला 'मसीहा' कहा गया है।
उत्तर प्रदेश में सरकारी टीचर बनने की चाह में लाखों लोग ट्वि्टर से लेकर फ़ेसबुक तक गुहार लगा रहे हैं। इन लोगों के लिए अब सोशल मीडिया ही एक सहारा बचा है। भर्ती में रुकावट के लिए कौन है ज़िम्मेदार?
उत्तर प्रदेश में बीते 15 दिनों के भीतर आधा दर्जन ज़िलों में दर्जन भर पत्रकारों पर पुलिस ने मुक़दमे दर्ज कर दिए हैं। ये रिपोर्टें सरकारी कर्मियों की गड़बड़ियों को उजागर करने वाले पत्रकारों के ख़िलाफ़ क्यों है?
प्रियंका गाँधी का नया मंत्र है- नयी प्रदेश कमेटी छोटी हो, पुराने सदस्यों के पर कतरें जाएँ, युवाओं के हाथ में बड़ी ज़िम्मेदारी और महिला चेहरों को भी प्रमुखता दी जाए। इससे क्या वह कांंग्रेस की वापसी करा पाएँगी?
मायावती के निशाने पर अब बीजेपी नहीं बल्कि कांग्रेस है। लोकसभा चुनावों से ही जब तब कांग्रेस को आड़े हाथों लेती रहीं मायावती ने अब अपनी सारी ताक़त कांग्रेस विरोध में क्यों लगा दी है।
योगी मंत्रिमंडल के विस्तार में संघ से लेकर बीजेपी संगठन और केंद्रीय नेतृत्व तक का ज़ोर जातीय समीकरण साधने पर ही रहा, भले ही इसके चलते बड़े नामों को दरकिनार करना पड़े।
कभी मुसलिम महिलाओं से हनुमान चालीसा का पाठ करवाने, कभी मंदिर पर घंटा चढ़ाने की बात कहने वाले योगी सरकार के इकलौते मुसलिम मंत्री मोहसिन रज़ा ने मुसलिमों को भगवा रंग से परहेज़ नहीं करने की सलाह दे डाली है।