4 फरवरी 2021 को ऐतिहासिक चौरी चौरा घटना के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री ने चौरी चौरा के शहीदों को याद करते हुए, इतिहास में उनकी अवहेलना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
गोडसे भी हिंदू था और गांधी भी हिंदू थे; पक्का सनातनी हिंदू; रामराज्य का सपना लेने वाला हिंदू; एक ऐसा हिंदू, मृत्यु पूर्व जिसकी जिहृा पर अंतिम शब्द 'राम' ही था; बावजूद इसके नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को हिंदूवाद की राह में रोड़ा माना और हत्या की।
गांधीजी की हत्या के प्रयास लंदन में हुई गोलमेज कांफ्रेन्स में भाग लेकर उनके भारत लौटने के कुछ समय बाद 1934 से ही शुरू हो गए थे, जब पाकिस्तान नाम की कोई चीज पृथ्वी पर तो क्या पूरे ब्रह्मांड में कहीं नहीं थी।
भारत विभाजन के लिए सावरकर कितने ज़िम्मेदार ? क्या गाँधी हत्या में आरएसएस का भी रहा कोई योगदान? देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की ‘उसने गाँधी को क्यों मारा?’ किताब के लेखक अशोक कुमार पांडेय से खास बातचीत। Satya Hindi
हम डर रहे हैं यह स्वीकार करने से कि हमें गांधी की अब ज़रूरत नहीं बची है। ऐसा इसलिए नहीं कि गांधी अब प्रासंगिक नहीं रहे हैं, वे अप्रासंगिक कभी होंगे भी नहीं। हम गांधी की ज़रूरत को आज के संदर्भों में अपने साहस के साथ जोड़ नहीं पा रहे हैं।
महात्मा गाँधी सिनेमा को थोड़ी हिक़ारत की नज़र से देखते थे। यह बात मशहूर फ़िल्मकार और लेखक ख्वाजा अहमद अब्बास को अखर गयी। उन्होंने 1939 में बापू को एक खुली चिट्ठी लिख डाली। पढ़ें पूरी चिट्ठी।
गांधी के अनुयायियों ने उन्हें अलौकिक और देवदूत के रूप में प्रचारित किया था। गांधी जी को महात्मा और संत जैसी उपाधियाँ दी गयीं। इसका व्यापक प्रभाव भी हुआ।
यह अतिशयोक्ति नहीं होगी कि क़रीब 100 साल पहले 1922 में महात्मा गाँधी को लिखने के कारण जो आरोप और दोषारोपण झेलने पड़े, वो ही आरोप और दोषारोपण आज वकील प्रशांत भूषण को भी झेलने पड़ रहे हैं।
क्या भारत में ऐसा सम्भव है या कभी हो सकेगा कि राष्ट्रपति भवन या प्रधानमंत्री आवास के आसपास या कहीं दूर से भी गुजरने वाली सड़क को करोड़ों प्रवासी मज़दूरों के जीवन के नाम पर कर दिया जाए?
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर लगी महात्मा गाँधी की प्रतिमा को प्रदर्शनकारियों ने नुक़सान पहुँचाया है। इस घटना के लिए भारत में अमेरिका के राजदूत ने माफ़ी माँगी है।
राजीव बजाज ने हाल ही में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लॉकडाउन बेमतलब का है। न सिर्फ़ किसी भी स्वास्थ्य समस्या का इससे समाधान नहीं निकलेगा, इससे आर्थिक संकट का भी निराकरण नहीं होगा।