डॉ. हर्षवर्धन के केंद्रीय मंत्रिमंडल से रुख्सत होने के बाद अब दिल्ली की केंद्र सरकार में नुमाइंदगी राज्य मंत्री के रूप में नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ही रह गई हैं।
मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद बिहार में एनडीए के मुखिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठ रहे हैं तो दूसरी तरफ़ लोक जनशक्ति पार्टी की विरासत पर पशुपति कुमार पारस की दावेदारी मज़बूत हुई है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में औरंगाबाद के डॉ. भागवत कराड को जगह मिलने से गोपीनाथ मुंडे की पुत्री सांसद प्रीतम मुंडे के खेमे में नाराज़गी बढ़ती जा रही है। मुंडे समर्थक पार्टी पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफ़ा देना शुरू कर दिया है।
शिवसेना ने मोदी कैबिनेट विस्तार 2021 पर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री ने भागवत कराड को मंत्री बना कर पंकजा मुंडे का राजनीतिक कैरियर ख़त्म करने की साजिश की है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'रविशंकर प्रसाद हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों को मास्टरस्ट्रोक बताते हुए शेखी बघारते थे। हालाँकि, इस बार यह मास्टरस्ट्रोक उन पर ही पलटवार करता दिख रहा है।'
डॉ. हर्षवर्धन को मोदी सरकार से हटाया जाना दिल्ली की राजनीति के लिए ऐसी घटना है जिसकी कल्पना डॉ. हर्षवर्धन ने तो क्या उनके विरोधियों ने भी नहीं की होगी।
क्या मोदी कैबिनेट विस्तार 2021 में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन को बलि का बकरा बनाया गया? क्या उन्हें मोदी कैबिनेट फेरबदल 2021 में बाहर का रास्ता इसलिए दिखाया गया कि सरकार की खराब हो चुकी छवि को और खराब होने से बचाया जा सके?
नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जातीय समीकरण और मंत्रियों की जाति बताए जाने का प्रचार जोर शोर से चल रहा है। यूपी से 7 मंत्रियों को मंत्रिपरिषद में जगह देकर आख़िर किसको साधने की कोशिश की गई है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिपरिषद में बड़ा फेरबदल किया है। चेहरे तो बदल गए हैं, लेकिन क्या चाल-चरित्र भी बदलेगा?
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। मोदी कैबिनेट का हुआ विस्तार, 43 मंत्रियों ने ली शपथ। हर्षवर्धन के बाद रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर का इस्तीफ़ा। दिनभर की ख़बरें-
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