तमाम सियासी झंझावात से जूझ रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। इससे राज्य में सरकार बनाने का सियासी ख़्वाब देख रही बीजेपी को जोरदार झटका लगा है।
राजस्थान में राजनीतिक संकट शुरू होने के क़रीब एक महीने की तनातनी के बाद अशोक गहलतो और पायलट आज आमने-सामने होंगे। गहलोत और पायलट आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे।
सचिन पायलट की बग़ावत ठंडी करने में कामयाबी क्या कांग्रेस में युवा खेमे की रणनीतिक जीत है? कम से कम पायलट प्रकरण को निपटाने संबंधी विवरण जो मीडिया में छनकर आ रहा है उसके पीछे तो यही संदेश देने की कोशिश दिख रही है।
राजस्थान सरकार में चल रहे संकट की हैप्पी एंडिंग हो गई है, मगर क्या सचमुच में समस्या का समाधान हो चुका है? इसकी क्या गारंटी है कि सचिन पायलट फिर से बग़ावत नहीं करेंगे और आदत से मजबूर बीजेपी सरकार गिराने के लिए उनका इस्तेमाल नहीं करेगी? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण
राजस्थान में बग़ावत का झंडा बुलंद करने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की ‘वापसी’ से क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाराज़ हैं।
बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने की मांग को लेकर बीएसपी और बीजेपी की ओर से दायर याचिकाओं को राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरूवार को रद्द कर दिया है।
राजस्थान में 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र शुरू होना है और उससे पहले राजस्थान कांग्रेस के दो सूरमाओं अशोक गहलोत और सचिन पायलट के कैंप अपनी सियासी चालें चल रहे हैं।