कांग्रेस नेतृत्व ने पंजाब के बड़े नेताओं को जिम्मेदारियां सौंप दी हैं और इसका सीधा मतलब यही है कि वे आपसी रार भुलाकर पार्टी को चुनाव जिताने के काम में जुट जाएं।
पंजाब आप के प्रभारी राघव चड्ढा ने आरोप लगाया है कि चरणजीत सिंह चन्नी तो कहते थे कि मैं रेत माफिया का सीएम नहीं हूँ लेकिन यहाँ तो नज़र आ रहा है कि मुख्यमंत्री के संरक्षण में खनन हो रहा है।
कृषि क़ानूनों की वापसी से पंजाब में क्या राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं? अमरिंदर सिंह तो पहले ही बीजेपी के साथ तालमेल करने की घोषणा कर चुके हैं, अब क्या अकाली दल भी ऐसा करेगा?
दिल्ली से बाहर आम आदमी पार्टी के विस्तार के लिए पूरी ताक़त लगा रहे केजरीवाल पंजाब में भी सरकार बनाना चाहते हैं और इसके लिए वे कई बड़े एलान कर चुके हैं।
अमरिंदर सिंह के चुनाव लड़ने से पंजाब में कांग्रेस के लिए हालत मुश्किल बन सकते हैं। सिद्धू की बयानबाज़ी से भी पार्टी को पंजाब चुनाव में सियासी नुक़सान हो सकता है।