सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ के फ़ैसले पर पुनर्विचार याचिका ठुकराते हुए एक ऐसे फ़ैसले को सही ठहरा दिया है जो ढेर सारे प्रश्नों को जन्म देता है। इससे लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन का अधिकार बाधित हो सकता है और सरकारों को आंदोलन कुचलने का नया हौसला मिल सकता है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण फ़ैसले में कहा है कि 'विरोध प्रदर्शन करने और असहमति जताने का अधिकार कुछ कर्तव्यों के साथ है और यह कहीं भी व कभी भी नहीं हो सकता है।'
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।15 मिनट में चीन को उठाकर फेंक देते: राहुल ।जेल से रिहा हुईं रिया, पीछा किया तो जब्त हो जाएगी गाड़ी!
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शाहीन बाग की दादी के नाम से मशहूर बिलकिस को अमेरिकी टाइम पत्रिका ने 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली व्यक्तियों में माना है। लेकिन इसके साथ ही टाइम ने नरेंद्र मोदी को भी उस सूची में शामिल किया है।
बीजेपी ने शाहीन बाग़ पर प्रदर्शन करने वाले कुछ लोगों को पार्टी में शामिल किया है तो आम आदमी पार्टी ने शाहीन बाग़ के प्रदर्शनों को ही बीजेपी का चुनावी हथकंडा बता दिया है। सवाल उठता है कि दोनों पार्टियों की इस सियासत के मक़सद क्या हैं? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट- Satya Hindi
आम आदमी पार्टी ('आप') के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को यह कह कर सबको चौंका दिया कि बीजेपी ने इस आन्दोलन की 'पटकथा' लिखी थी और वही इसकी 'रणनीतिकार' भी थी।
कोरोना वायरस को लेकर दिल्ली में लॉकडाउन के बीच ही अब नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ तीन महीने से भी ज़्यादा समय से शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों को मंगलवार सुबह हटा दिया गया।
कोरोना वायरस को लेकर देश भर में पाबंदी और 'जनता कर्फ्यू' के बीच शाहीन बाग़ में प्रदर्शन स्थल पर पेट्रोल बम फेंके गए। इसमें कोई घायल नहीं हुआ है। बम फेंकने वालों के बारे में कुछ भी पता नहीं चला सका है।
The Vijai Trivedi Show: क्या इस वक़्त भी शाहीन बाग़ में प्रदर्शन करना ज़रूरी है? क्या भारत कोरोना वायरस से निपट भी पाएगा? और मध्यप्रदेश में कौन बनेगी मुख्यमंत्री? मध्यप्रदेश: कब तक चलेगी बीजेपी सरकार? देखिए इन सभी मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी का विश्लेषण।Satya Hindi
कोरोना की महामारी के बढ़ने से मोदी सरकार को शाहीन बाग़ का हल निकालने से निकल भागने का मौक़ा मिल गया है। अब केजरीवाल और शाहीन बाग़ आमने-सामने हैं और मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लिख कर दे दिया है कि वह एनआरसी भी लागू करेगी जबकि मोदी जी ने रामलीला मैदान में कुछ और कहा था। सरकार के हवाल पर सवाल कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह।
दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ लगातार चल रहे धरना-प्रदर्शन को तीन महीने पूरे हो चुके हैं। इस दौरान इस प्रदर्शन ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।