चेन्नई में बारिश आफ़त बनकर आई है। राज्य में बीते कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है और इसने अब तक 14 लोगों की जान ले ली है। हालात ये हैं कि शहर के निचले इलाक़ों में स्थित दुकानों, घरों में पानी भर गया है। बारिश के साथ ही तेज़ हवाएं भी चल रही हैं। बताया जा रहा है कि औसत से 50 फ़ीसद ज़्यादा बारिश हुई है।
मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है और कहा है कि उत्तरी चेन्नई, तिरुवल्लूर, चेंगलपेट, कांचीपुरम, रानीपेट, विल्लुपुरम और कुड्डालोर जिलों में भारी से भारी बारिश हो सकती है।
चेन्नई में बहुत सारी सड़कें समंदर बन चुकी हैं और इस वजह से ट्रैफ़िक पुलिस ने कई सड़कों को बंद कर दिया है।
पेड़ उखड़े, बिजली गुल
कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए हैं और कई इलाक़ों में बिजली गुल हो गई है। 157 मवेशियों का कोई पता नहीं है, 1,146 झोपड़ियों और 237 घरों को नुक़सान पहुंचा है। एहतियात बरतते हुए स्कूलों और कॉलेजों को गुरूवार को बंद रखा गया है।
चेन्नई नगर निगम के आयुक्त गगनदीप सिंह बेदी ने एनडीटीवी को बताया, “यह चेतावनी जारी की गई थी कि लोग आपात स्थिति के सिवा अपने घरों से बाहर नहीं निकलें और अपने घरों में पर्याप्त खाना और पानी रखें।”
चेन्नई नगर निगम का प्रशासन 53 नावों और 507 मोटर पंप के जरिये पानी निकालने के काम में जुटा है। प्रशासन ने कहा है कि इस दौरान अम्मा कैंटीन में लोगों को फ्री खाना मिलेगा और फूड पैकेट्स भी बांटे जाएंगे।
उत्तराखंड पर आई थी आपदा
कुछ दिन पहले उत्तराखंड में भी भयंकर बारिश ने कहर बरपाया था। राज्य का कुमाऊं मंडल इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ था। राज्य में लगभग 80 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। लेकिन पर्वतीय इलाक़ों में रहने वाले लोगों का कहना है कि यह आंकड़ा कहीं ज़्यादा है। गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड पहुंचकर हालात का जायजा लिया था।
आपदा से प्रभावित लोगों ने अपनों को खोया तो कई लोगों के घर, दुकान आपदा की भेंट चढ़ गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि बारिश की वजह से राज्य को 7 हज़ार करोड़ का नुक़सान हुआ है।
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