एक ओर देश में जहां इसे लेकर चिंता है कि बेरोज़गारी की दर 45 साल में सबसे ज़्यादा हो गई है, वहीं दूसरी ओर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने हज़ारों लोगों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारी रविवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। लेकिन मुख्यमंत्री केसीआर ने तुगलक़ी फ़रमान जारी करते हुए 48 हजार से ज़्यादा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है।
परिवहन निगम के 50 हज़ार कर्मचारी शुक्रवार रात से ही हड़ताल पर हैं। इन कर्मचारियों की 26 मांगें हैं। इनकी मांग है कि परिवहन निगम का सरकार में विलय कर दिया जाए जिससे वे सरकारी कर्मचारी बन जाएं और उन्हें वे लाभ मिल सकें जिसके वे हकदार हैं। कर्मचारियों ने शनिवार शाम को हड़ताल ख़त्म करने से मना कर दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार किसी भी तरह की ब्लैकमेलिंग और अनुशासनहीनता के सामने नहीं झुकेगी। बताया जाता है कि राज्य परिवहन निगम में अब केवल 1200 कर्मचारी बचे हैं और तुरंत ही रिक्रूटमेंट की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है लेकिन नए भर्ती किये गये लोगों को सरकार से इस बात का वादा करना होगा कि वे किसी भी तरह की यूनियन में शामिल नहीं होंगे।
इसे लेकर राज्य में राजनीति भी तेज हो गई है। बीजेपी ने कहा है कि मुख्यमंत्री के इस बेतुके फ़ैसले ने कर्मचारियों को सड़क पर ला दिया है। बीजेपी ने कहा है कि मुद्दे को सुलझाने के बजाय मुख्यमंत्री ने तुगलक़ी फ़ैसला लिया है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि उनके इस फ़ैसले से राज्य के हालात ख़राब हो सकते हैं।
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