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मंत्री पद और बंगले की लालच दे बीजेपी ने पटाया सहयोगियों को

उत्तर प्रदेश में बिदके गठबंधन सहयोगियों को मनाने में भारतीय जनता पार्टी ने साम, दाम और दंड तीनों का सहारा लिया है। पाकिस्तान से हुई रार के बाद अपने पक्ष में माहौल बनने की दलीलें काम आईं तो सरकार का मज़ा लेने के लिए कुछ मंत्री पद देने का लालच भी नाराज़ सहयोगियों को फुसलाने में काम आया है।
हर रोज अपने बयानों से मुसीबत खड़ी करने वाले यूपी के अहम सहयोगी ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव राजभर भारतीय समाज पार्टी को राजभवन में बंगला, आयोगों में कुछ पद के साथ बढ़िया विभाग की गाजर थमाई गई है, तो अनुप्रिया पटेल के पति को मंत्री पद दिए जाने का सपना बेंचा गया है। अनुप्रिया पटेल के उत्साह को ठंडा करने के लिए पहले से दो फाड़ हो चुकी उनकी पार्टी में एक और विभाजन भी काम आया है। तीन हिस्सों में बंटी अनुप्रिया की पार्टी अपना दल के कम से कम दो हिस्से तो भाजपा के पास रहेंगे यह भी तय हो गया है।

अमित शाह से मुलाकात से निकली सुलह की राह

दरअसल बीते कुछ दिनों से भाजपा गठबंधन के अलग होने का राग अलाप रहे अनुप्रिया पटेल के अपना दल और ओमप्रकाश राजभर की बीते दिनों भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से फ़ैसलाकुन मुलाकात करवाई गई है। मुलाक़ात के बाद गठबंधन के सहयोगियों को मनाने का जो फ़ार्मूला बना है उसके तहत लोकसभा चुनावों के पहले योगी मंत्रिमंडल का विस्तार कर कुछ मंत्री बढ़ाए जाएंगे। नाराज़ अनुप्रिया के पति आशीष पटेल को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा तो पिछड़ा वर्ग एवं विकलांग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को एक-आध मलाईदार विभाग थमाया जाएगा। हालांकि लोकसभा चुनावों में कोई और नाराज़गी न पनपे, इसलिए भाजपा अपने कोटे के ख़राब प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को अभी नही हटाएगा और सबके सब बने रहेंगे।

राजभर को बंगले, ओहदे से मनाया

ओमप्रकाश राजभर की नाराज़गी दूर करने के लिए उन्हें राजधानी लखनऊ में राजभवन कॉलोनी में एक बड़ा बंगला दे दिया गया है। राजभर के कुछ ख़ास लोगों को पिछड़ा वर्ग आयोग में भी जगह दी जाएगी। स्वभाव से शंकालु राजभर अपने अलावा किसी और को अपनी पार्टी से मंत्री बनाना भी नही चाहते हैं।
हाल ही में पाकिस्तान के साथ बने हालात के बाद बदलते माहौल को देखते हुए राजभर अलग राह पर जाने और लोकसभा चुनाव में रिस्क लेने से भी बच रहे हैं।
राजभर ने लोकसभा चुनाव में भाजपा से घोसी, चंदौली और सलेमपुर सीटों की मांग की थी। इनमें से चंदौली तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडे की सीट है। माना जा रहा है कि भाजपा अभी भी राजभर को सलेमपुर या घोसी में से कोई एक सीट दे सकती है।

पति को मंत्री बनाने से मानीं अनुप्रिया

अनुप्रिया पटेल की मां से अनबन के बाद अपना दल दो हिस्सों में बंट चुकी है। बीते सप्ताह ही पार्टी के एक अन्य सांसद हरिवंश सिंह अपनी अलग पार्टी बना एनडीए में रहने का एलान कर चुके हैं।

अनुप्रिया के सामने इन हालात में समझौते के अलावा कोई चारा नही बचा था। ऊपर से मां से अलग होने के बाद पार्टी में सब कुछ संभाल रहे उनके पति व विधान परिषद सदस्य आशीष पटेल को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाने के लिए भी भाजपा तैयार हो चुकी है। पहले दो लोकसभा सीटें मांग रहीं अनुप्रिया का दावा भी बदले हालात में कमज़ोर पड़ा है। उनके एक सांसद अलग हो चुके हैं और ऐसे में भाजपा अनुप्रिया के लिए मिर्ज़ापुर की वर्तमान सीट से ज़्यादा कुछ देने को तैयार नहीं है। भाजपा हरिवंश को भी चुनाव लड़ाना चाहती है।
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क़मर वहीद नक़वी

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