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धरने पर बैठके किसान। फ़ोटो साभार: ट्विटर/असद रहमान

लखीमपुर खीरी में शव के साथ धरने पर बैठे किसान, कार्रवाई की मांग

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर ज़िले में किसान अब शवों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। किसानों ने कहा है कि दोषियों पर कार्रवाई करने सहित उनकी दूसरी मांगें जब तक पूरी नहीं होंगी तब तक वे वहाँ से नहीं हटेंगे। वे एक दिन पहले यानी रविवार को प्रदर्शन करने के दौरान कथित रूप से कार से रौंद कर 4 किसानों के मार दिए जाने के ख़िलाफ़ आक्रोशित हैं। 

आरोप है कि लखीमपुर सांसद व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू की कार ने उन्हें कुचल दिया। रिपोर्ट है कि 4 किसानों की मौत कार से कुचलकर हुई है जबकि हिंसा में चार अन्य लोगों की मौत हो गई। उसमें कई अन्य लोग घायल हुए हैं।

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उस घटना के बाद किसानों ने बैठक कर कुछ मांगें तय की हैं। उसमें उन्होंने मांग की कि गृह राज्य मंत्री के बेटे के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर गिरफ़्तार किया जाए, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए और मृतकों के परिजन को नौकरी के साथ एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए। 

किसान अपनी इन मांगों से कम पर राजी होने और अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि वे इससे कम पर किसी भी क़ीमत पर तैयार नहीं होंगे। इस मामले में किसान नेता राकेश टिकैत और प्रशासन के बीच लगातार बातचीत जारी है। 

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इस मामले में प्रशासन की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। हालाँकि इस बीच एक ख़बर ज़रूर आई है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे के आशीष मिश्रा के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर में कई दूसरे लोगों के भी नाम हैं। मंत्री के बेटे पर आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ा कर उन्हें रौंद दिया। लखीमपुर में रविवार को हुए कांड में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई है। 

लेकिन गृह राज्य मंत्री ने मौके पर अपने बेटे की मौजूदगी से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि वारदात के समय उस जगह न तो वे खुद थे न ही उनका बेटा था। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके ड्राइवर को पीट-पीट कर मार डाला गया है। 

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क़मर वहीद नक़वी

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