loader

पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर के साथ यूपी पुलिस की बदसलूकी, किया गिरफ़्तार 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूर्व आईपीएस अफ़सर अमिताभ ठाकुर को उनके घर से जिस तरीक़े से उठाया है, उसे पुलिसिया ज़ुल्म ही कहा जाना चाहिए। पुलिस के द्वारा अमिताभ को जबरन गाड़ी में डालकर ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जोरदार ढंग से वायरल हुआ है और इसके लिए पुलिस के साथ ही योगी सरकार की भी जमकर आलोचना की जा रही है। पुलिस शुक्रवार को उन्हें उनके लखनऊ स्थित आवास से हज़रतगंज थाने ले गई। 

इस दौरान अमिताभ ने बार-बार कहा कि ये तरीक़ा ग़लत है और वे पुलिस के साथ नहीं जाएंगे, उन्हें एफ़आईआर की कॉपी दी जाए, बिना लीगल कारण के वे नहीं जाएंगे, उनके परिजन भी इसका विरोध करते हैं, लेकिन पुलिस उन्हें एक तरह से अपहरण कर गाड़ी में डाल ले जाती है। 

ताज़ा ख़बरें

योगी को दी थी चुनौती 

अमिताभ ठाकुर बेहद चर्चित अफ़सर रहे हैं और कुछ दिन पहले ही उन्होंने एलान किया था कि वे 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने एक राजनीतिक दल अधिकार सेना के गठन का भी एलान किया था। उन्हें इस साल मार्च में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जबरन रिटायर कर दिया था जबकि उनका रिटायरमेंट 2028 में होना था। इसके पीछे ‘नॉन-परफ़ॉर्मेंस’ का कारण दिया गया था। 

अखिलेश सरकार से भी रही तनातनी 

अमिताभ ठाकुर की उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार से भी तनातनी रही थी और जुलाई, 2015 में अखिलेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर उन्हें धमकाने का आरोप लगाया था। अप्रैल, 2016 में उन्हें नौकरी पर बहाल कर दिया गया था। 

Former IPS officer Amitabh Thakur arrested by UP police  - Satya Hindi

पुलिस का बयान 

पुलिस का कहना है कि कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने वाली युवती और उसके सहयोगी को आत्मदाह के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में सांसद अतुल राय और अमिताभ ठाकुर को दोषी पाया गया है। इसके बाद इनके विरूद्ध मुक़दमा दर्ज किया गया है। युवती और उसके सहयोगी की मौत हो गई थी। 

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

सांसद पर लगाया था आरोप 

बता दें कि ग़ाज़ीपुर की रहने वाली इस युवती ने घोसी सीट से बीएसपी सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाया था। युवती ने कहा था कि अतुल राय ने 7 मार्च, 2018 को उसे वाराणसी के अपने अपार्टमेंट में बुलाया और उसका यौन उत्पीड़न कर वीडियो क्लिप बना ली थी। उसने आरोप लगाया था कि कुछ वरिष्ठ आईपीएस अफ़सर और एक जज ने सांसद की मदद की थी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें