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फ़ोटो साभार: ट्विटर/कमाल ख़ान/वीडियो ग्रैब

कानपुर- मुसलिम को पीटा, 'जय श्री राम' बुलवाया; बच्ची गिड़गिड़ाती रही

दिल्ली के बाद अब कानपुर में मुसलिम के ख़िलाफ़ नफ़रत का मामला आया है। एक वीडियो में दिख रहा है कि एक मुसलिम रिक्शेवाले को सड़क पर घुमाया गया, मारपीट की गई और 'जय श्री राम' के नारे लगवाए गए। भीड़ से घिरे मुसलिम व्यक्ति को कई लोग पकड़े होते हैं और तेज़ी से सड़क पर ज़बरदस्ती कहीं ले जा रहे होते हैं। उस बीच पीड़ित की छोटी बच्ची भीड़ के सामने गिड़गिड़ाते रहती है कि उसके पिता को वे छोड़ दें। आख़िर में उस व्यक्ति को पुलिस के हवाले कर दिया गया। वीडियो में यह भी दिखता है कि पुलिस की हिरासत में भी कुछ लोग इस व्यक्ति पर हमला करते हैं। 

इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस ने थाना क्षेत्र के बर्रा में राम गोपाल चौराहे के पास कच्ची बस्ती में मार-पीट की इस घटना के वायरल वीडियो और कार्रवाई के बारे में एक बयान जारी किया है। 

कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रवीना त्यागी ने उस बयान में कहा है, 'हमने एक व्यक्ति के साथ मारपीट का वीडियो देखा है। पीड़ित की शिकायत के आधार पर हमने प्राथमिकी दर्ज की है और हम क़ानूनी प्रक्रिया को अंजाम दे रहे हैं।'

एक बयान में कानपुर पुलिस ने यह भी कहा है कि उन्होंने मारपीट करने वाले व्यक्ति की शिकायत के आधार पर एक शादी का बैंड चलाने वाले एक स्थानीय व्यक्ति, उसके बेटे और क़रीब 10 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ दंगा करने का मामला दर्ज किया है। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित ई-रिक्शा चालक ने अपनी शिकायत में कहा है, 'मैं दोपहर क़रीब 3 बजे अपना ई-रिक्शा चला रहा था, जब आरोपी ने मुझे गालियाँ देना और मारपीट करना शुरू कर दिया और मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। मैं पुलिस की वजह से बच गया।' 

रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना उस एक चौराहे से 500 मीटर की दूरी पर हुई, जहाँ दक्षिणपंथी समूह बजरंग दल ने एक बैठक की। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उस बैठक में संगठन के लोगों ने दावा किया कि इलाक़े के मुसलमान अपने इलाक़े में एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे थे। कथित तौर पर हमला बैठक के ठीक बाद हुआ।

हालाँकि पुलिस ने यह नहीं बताया है कि मुसलिम व्यक्ति से मारपीट करने के मामले में नामित व्यक्ति संगठन से जुड़ा है या नहीं। 

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पीड़ित व्यक्ति इलाक़े के एक मुस्लिम परिवार का रिश्तेदार है जिसका अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ क़ानूनी विवाद है। कानपुर पुलिस के बयान में कहा गया है कि जुलाई में दोनों परिवारों ने एक दूसरे के ख़िलाफ़ स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया था।

कानपुर की इस घटना में जिस तरह से 'जय श्री राम' के नारे लगवाने का मामला आया है वैसा ही मामला दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले रविवार को आया था। दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को जिस मार्च में मुसलिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत उगली गई उसमें 'जय श्री राम' के नारे लगवाने के लिए पत्रकार को कथित तौर पर डराया-धमकाया गया और उनसे धक्का-मुक्की की गई। पत्रकार उस मार्च की रिपोर्टिंग कर रहे थे तभी उसमें शामिल लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। नेशनल दस्तक वेबसाइट से जुड़े पत्रकार अनमोल प्रीतम ने आरोप लगाया है कि इसके बाद उन्हें 'डरा धमकाकर जय श्री राम बुलवाने की कोशिश की गई' और जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया तो उनके साथ 'धक्का मुक्की भी की गई।' 

जंतर मंतर पर वह कार्यक्रम 'औपनिवेशिक युग के क़ानूनों के ख़िलाफ़' हुआ था। उसमें मुसलिमों के ख़िलाफ़ जहर उगलने वाले नारे लगाए जाने के कई वीडियो सामने आए थे। काफ़ी दबाव के बाद इस मामले में कार्रवाई हुई थी और बीजेपी सदस्य अश्विनी उपाध्याय सहित छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया था। लेकिन बाद में अश्विनी उपाध्याय को ज़मानत भी मिल गई है। 
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क़मर वहीद नक़वी

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