loader
जेपी सेंटर लखनऊ।

जेपी के नाम पर बने अंतरराष्ट्रीय सेंटर को भी बेच देगी सरकार?

जेपी के नाम पर लखनऊ में बने अंतरराष्ट्रीय सेंटर को बेचने की तैयारी हो रही है। इसे लेकर मीडिया में लगातार ख़बरें आ रही हैं। इस सेंटर की तसवरी को देखें जिसे समाजवादी पार्टी सरकार ने बनवाया था और मुलायम सिंह यादव ने इसका उद्घाटन किया था। यह एक समाजवादी धरोहर भी है जिसमें जेपी के नाम से म्यूजियम, लाइब्रेरी, अतिथि गृह आदि सब हैं। ऐसा कोई सेंटर देश में नहीं है। बिहार में भी नहीं है। याद है न कि दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल 'लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल' है। जयप्रकाश नारायण आज़ादी की लड़ाई से निकले और ‘दूसरी आज़ादी की लड़ाई’ उन्हीं के नेतृत्व में लड़ी गई। इस लड़ाई में तो जनसंघ (आज की भारतीय जनता पार्टी) भी शामिल थी। आज सूबे में बीजेपी की सरकार है और जेपी सेंटर को बेचने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है।

lda proposal to sell jp center lucknow - Satya Hindi
जेपी सेंटर लखनऊ में सपा नेता मुलायम सिंह अखिलेश यादव और अन्य। फ़ाइल फ़ोटो।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा,

‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है जैसी ख़बरें आ रही हैं। क़रीब साढ़े तीन साल से बीजेपी सत्ता में है और इसका निर्माण पूरा करने और देख रेख के लिए ज़रूरी पैसा नहीं दिया गया है। जयप्रकाश नारायण आज़ादी के आंदोलन से निकले, भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़े और लगातार संघर्ष करते रहे। चौहत्तर में उन्हीं के नेतृत्व में आंदोलन हुआ। ऐसे में उनके नामपर बने अंतरराष्ट्रीय केंद्र को बेचने का प्रस्ताव बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम आज़ादी की लड़ाई के नायकों का ऐसा ही सम्मान करेंगे!’

ग़ौरतलब है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपी सेंटर) को बेचने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसकी क़ीमत 1642.83 करोड़ रुपए तय की गई है।

अखिलेश यादव की सरकार में जेपी सेंटर बनाने में 881.36 करोड़ रुपए का ख़र्च आया था। लेकिन अभी यह अधूरा है। जब लखनऊ विकास प्राधिकरण को पूरा करने के लिए कहा गया तो बजट न होने की बात कही गई। इसके बाद एलडीए जेपी सेंटर को बेचने की क़ीमत 1642.83 करोड़ रुपए लगाते हुए प्रस्ताव आवास विकास को भेज दिया है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि बचे हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने में 130.60 ख़र्च होंगे जो विकास प्राधिकरण के पास नहीं है।

ताज़ा ख़बरें

हमने महाराष्ट्र में समाजवादी नेताओं के नाम पर बने बहुत से निर्माण देखें है। पुणे का एसएम जोशी फ़ाउंडेशन के अतिथि गृह में रुकना भी हुआ। इसमें सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता तो ठहरते ही हैं, साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आने वाले कलाकार, लोक कलाकार भी रुकते हैं। इसके ऑडिटोरियम में लगातार कार्यक्रम होते रहते हैं जिससे यह कई और कार्य भी कर लेता है। लाइब्रेरी, कैंटीन, सभागार आदि के साथ इसके कमरे बहुत साफ़-सुथरे नज़र आए। उत्तर भारत में इस तरह के अतिथि गृह नहीं मिलेंगे जबकि महाराष्ट्र ही नहीं दक्षिण के कई राज्यों में यह सुविधा मिलेगी। जिनमें सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ सेमिनार-वर्कशाप में शामिल होने वाले भी बहुत कम पैसे में रुक सकते हैं। 

उत्तर प्रदेश में जेपी सेंटर जब बन रहा था तो उम्मीद थी कि ये सब सुविधाएँ इसमें भी होंगी। बनी भी पर इतनी भव्य कि यह विवादों से घिरा।

 क़रीब 75,464 वर्ग मीटर क्षेत्र में बने इस सेंटर में एक ओलंपिक साइज का स्विमिंग पूल, लॉन टेनिस कोर्ट, स्क्वाश कोर्ट भी शामिल है। इसके अलावा 1000 वाहनों की मल्टी लेवल पार्किंग भी है। साथ ही सेंटर में बने म्यूजियम ब्लॉक में जयप्रकाश नारायण से जुड़ी चीजें रखी गई हैं। जेपी सेंटर के गेस्ट हाउस में 103 लग्ज़री कमरे, साथ में सात सूट हेल्थ सेंटर, रेस्टोरेंट्स, कुछ फुट बाहर लटकता स्विमिंग पूल और हेलीपैड है। इसके अलावा कन्वेंशन ब्लॉक में 2000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला हॉल है। 1000 लोगों के बैठने की क्षमता का ऑडिटोरियम है। इसके अलावा भी कई बड़े सेमिनार हॉल हैं।

जय प्रकाश नारायण के योगदान पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट

सेंटर की भव्यता के बारे में सवाल पूछने पर राजेंद्र चौधरी ने कहा,

‘यह अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में बनाया गया ताकि देश ही नहीं विदेश से आने वाले अतिथि जेपी के व्यक्तित्व को जानें, समझें। अब आप विदेश में जाकर देखें तो हर देश अपने नायकों के सम्मान में जो भी निर्माण कराता है वह हर दृष्टि से बेहतर होता है। यह अखिलेश जी की कल्पना भी थी कि यह निर्माण विश्व स्तर का हो।’ उन्होंने आगे कहा, ‘समाजवादी सरकार ने लखनऊ में लोहिया अस्पताल बनाया जो अत्याधुनिक है, लोहिया लॉ विश्विद्यालय बनवाया जो देश के अच्छे शिक्षा संस्थानों में से एक है। लोहिया पार्क तो लखनऊ का फेफड़ा माना जाता है। ये कुछ उदाहरण हैं। और बीजेपी सरकार इसे चलाना तो दूर बेचने पर आमादा है। ये तो सब बेच ही रहे हैं।’

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें
बहरहाल, लखनऊ में जेपी सेंटर के बेचे जाने को लेकर माहौल गर्म है। वजह जयप्रकाश नारायण का नाम है। इसे बेचने पर बीजेपी को जवाब देना आसान नहीं होगा। लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र नाथ भट्ट ने कहा, ‘इस जेपी सेंटर को बेचने का एलडीए ने प्रस्ताव भेजा है सरकार को। इस सेंटर को अखिलेश यादव सरकार ने बनवाया था। यह ज़रूरत से ज़्यादा भव्य बनाया गया जो लखनऊ के सबसे पॉश इलाक़े में है।’ वह कहते हैं कि अगर इसे अकेडमिक गतिविधियों के लिए ही रखा जाता तो बेहतर होता। इस पर बहुत पैसा भी लगा पर अब एलडीए इसकी देखरेख करने की ज़िम्मेदारी निभाने से इनकार कर रहा है क्योंकि सरकार इसका बजट नहीं दे रही है। पर लगता नहीं कि सरकार इसे बेचने का साहस कर पाएगी।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
अंबरीश कुमार

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें