उत्तर प्रदेश में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में जाँच एसटीएफ़ को सौंप दी गई है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि हमने घटना की जाँच के लिए एसटीएफ़ को लगा दिया है। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि तिवारी की गर्दन और उसके आसपास घाव के निशान पाए गए हैं, लेकिन पूरी स्थिति पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ़ हो पाएगी। पुलिस का यह भी कहना है कि यह मामला व्यक्तिगत विवाद का लगता है। मीडिया रिपोर्टों में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा गया है कि दोनों हमलावर दिवाली का गिफ़्ट देने के बहाने तिवारी से मिलने आए थे। कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि हमलावरों के आईएसआईएस से तार जुड़ रहे हैं। बता दें कि तिवारी अयोध्या के टाइटल सूट मामले में याचिका कर्ताओं में से एक थे। उन्होंने 2015 में विवादास्पद टिप्पणी भी की थी।
तिवारी ने दो साल पहले ही हिंदू समाज पार्टी का गठन किया था। वह 2015 में पैगंबर मुहम्मद पर कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान देने के लिए सुर्खियों में रहे थे। उनके इस बयान के बाद देश भर में हंगामा मचा था और मुसलिमों ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने बयान पर प्रदर्शन करने वालों के ख़िलाफ़ प्रतिक्रिया में फ़ेसबुक पर भी भड़काऊ पोस्ट किया था। तब तिवारी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी। बाद में उन्हें पुलिस ने नेशनल सिक्योरिटी एक्ट यानी एनएसए के तहत गिरफ़्तार भी किया था। 2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनके ख़िलाफ़ लगाए गए एनएसए को ख़त्म कर दिया था।
हमलावरों ने आधे घंटे तक की थी बातचीत
बहरहाल, पुलिस ने हत्या के कारणों का खुलासा नहीं किया है और सिर्फ़ इतना ही कहा है कि यह व्यक्तिगत लड़ाई का मामला लगता है। कमलेश तिवारी के घर काम करने वाले स्वराष्ट्रजीत सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हमलावरों ने आने से पहले 10 मिनट तक तिवारी से फ़ोन पर बात की थी। सिंह के अनुसार, दो लोग क़रीब 11 बजे कमलेश तिवारी के घर पर आए और उन्होंने क़रीब आधे घंटे तक उनसे बात की। उनके अनुसार, इस बीच दोनों हमलावरों ने सिंह को सिगरेट और मसाला लाने के लिए भेज दिया और जब सिंह वापस लौटे तब तक हमलावर हत्या कर मौक़े से फ़रार हो गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि तुरंत ही उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
लखनऊ रेंज के इंस्पेक्टर जनरल एस के भगत ने कहा कि हमलावर तिवारी के जान-पहचान के लोग थे क्योंकि वे क़रीब आधे घंटे तक उनके घर पर रहे।
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