उत्तर प्रदेश के झाँसी में रेलवे स्टेशन पर एक प्रवासी मज़दूर का शव ट्रेन के टॉयलेट में मिला है। माना जा रहा है कि शव वहाँ कई दिनों से पड़ा हुआ होगा। जिस ट्रेन में शव मिला है वह मुंबई से श्रमिकों को लेकर आई थी और श्रमिकों को छोड़कर वापस लौट रही थी। ट्रेन के लौटने के दौरान ही झाँसी स्टेशन पर जब ट्रेन कोच को सैनिटाइज़ किया जा रहा था तब शव मिला।
मृतक की पहचान यूपी के बस्ती ज़िले के 38 वर्षीय मोहनलाल शर्मा के रूप में हुई है। वह मुंबई में दिहाड़ी का काम करते थे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उनके परिवार वालों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद काम बंद होने से उनकी नौकरी चली गई थी और मुंबई में रहना मुश्किल हो रहा था। जब लाखों लोग जैसे-तैसे घर पहुँचना चाह रहे थे तो मोहनलाल भी ट्रेन से मुंबई से निकले थे।
मोहनलाल 23 मई को झाँसी स्टेशन पहुँचे थे। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेन से झाँसी में उतरे लोगों को ज़िला प्रशासन ने वापस स्टेशन पर भेज दिया ताकि वे गोरखपुर वाली ट्रेन में चले जाएँ। बस्ती वहाँ से 70 किलोमीटर दूर है। अब यह साफ़ नहीं हुआ है कि जो ट्रेन मुंबई से आई थी वह ट्रेन आगे गोरखपुर तक गई या उससे आगे भी। लेकिन जब यह ट्रेन बुधवार को झाँसी वापस लौटी तो कोचों को सैनिटाइज करने के दौरान मोहनलाल का शव मिला।
इसके बाद उनके रिश्तेदारों को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम किया और कोरोना टेस्ट किया गया।
बता दें कि हाल के दिनों में कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अब तक कई लोगों की मरने की रिपोर्ट आ चुकी है। एक दिन पहले ही अधिकारी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ट्रेनों में ऐसे 9 लोगों की मौत हुई है।
ऐसा ही झकझोर देने वाला मामला बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के रेलवे स्टेशन से आया था। उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में दिखता है कि स्टेशन पर एक महिला का शव पड़ा है और उसे चादर से ढंका गया है। एक छोटा सा बच्चा उससे खेल रहा है। वह चादर को कभी उठा रहा है और अपनी माँ के चेहरे को देखकर वापस चादर को छोड़कर आसपास चला जा रहा है। बच्चा अपनी मृत पड़ी माँ को उठाने की कोशिश कर रहा है। उसे यह अहसास भी नहीं है कि उसकी माँ अब ज़िंदा नहीं है।
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