सभी पत्रकार सावधान !! मिर्ज़ापुर के डीएम के हिसाब से अगर आप अख़बार/प्रिंट मीडिया के पत्रकार हैं तो आप सिर्फ़ और सिर्फ फ़ोटो खिंच सकते हैं और अगर आपने ग़लती से वीडियो बना लिया तो आप पर FIR हो सकती है। शर्मनाक। pic.twitter.com/OFHljUpp16
— Vinod Kapri (@vinodkapri) September 3, 2019
डीएम का बयान सुनने के बाद पत्रकारिता की थोड़ी सी समझ रखने वाला व्यक्ति सिर्फ़ अपना सिर पीट सकता है। सोशल मीडिया के इस दौर में जहाँ लगभग हर इंसान के पास स्मार्टफ़ोन है और लोग कई तरह के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं, ऐसे में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता में काम कर रहा एक शख़्स अगर उसे कई दिनों से सूचना मिल रही है कि उसके इलाक़े के एक स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में नमक-रोटी दी जा रही है तो वह वीडियो भी नहीं बना सकता।
किसके कहने पर दिया बयान!
‘UP सरकार के ख़िलाफ़ पत्रकारों का प्रदर्शन’
— Zulfikar Ahmad (@zulfi123A) September 3, 2019
बच्चों को ‘नमक रोटी’ वाली ख़बर दिखाने वाले पत्रकार के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर दी गई है। यूपी सरकार के इस फ़ैसले करने के ख़िलाफ़ मिर्ज़ापुर में पत्रकार धरने पर बैठे हैं। pic.twitter.com/P8dIrFhupb
अंत में सवाल देश में सिर्फ़ पत्रकारों से ही नहीं, मीडिया संस्थानों, सामाजिक संगठनों और हर उस व्यक्ति से है, जो चाहता है कि लोकतंत्र में आवाज उठाने की आज़ादी बरक़रार रहे। क्योंकि सही के पक्ष में और अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का अधिकार हमें संविधान ने दिया है और ऐसे लोग जो आवाज़ उठाने पर मुक़दमे दर्ज करवा रहे हैं, वे हमारे संवैधानिक अधिकारों को कुचल देना चाहते हैं। इसलिए यह वह मौक़ा है जब सभी को डीएम के बयान का, यूपी सरकार की कार्रवाई का लिखित, मौखिक या प्रदर्शन कर विरोध करना चाहिए। क्योंकि डीएम का यह फ़रमान और सरकार की यह कार्रवाई बेहद ख़तरनाक संकेत है।
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