उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में हंगामे और पत्रकारों के साथ हुई बदसलूकी की घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के 20 समर्थकों के ख़िलाफ एफ़़आईआर दर्ज की गई है। इसके बाद समाजवादी पार्टी की शिकायत पर दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर दर्ज की गई है।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क़ानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों पक्षों की ओर से अलग-अलग दायर शिकायतों के आधार पर दो एफ़आईआर दर्ज की गईं। उन्होंने कहा, "दोनों पक्षों ने एक दूसरे के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराईं। दायर शिकायतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। जाँच शुरू कर दी गई है।"
जाँच शुरू
एएसपी ने कहा, "पत्रकारों के संगठन ने शिकायत में अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के नाम लिए हैं। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने अपनी शिकायत में दो पत्रकारों के नाम लिए हैं।"
पत्रकार सुचित्रा मोहंती ने कहा है कि कि उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 147 (उपद्रव), 323 (जानबूझ कर किसी को चोट पहुँचाने) और 342 (किसी व्यक्ति को ग़लत तरीके से रोकने) के तहत केस दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता अवधेश पराशर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने आज़म ख़ान के बारे में एक सवाल पूछा, जिसपर अखिलेश यादव नाराज़ हो गए और उन्होंने कहा कि पत्रकारों को चोट पहुँच सकती है। इसके बाद सुरक्षा कर्मियों और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों पर हमला कर दिया।"
एक वीडियो में पूर्व मुख्यमंत्री यादव भीड़ की धक्कामुक्की के बीच आगे बढ़ते हुए कहते हैं, 'बीजेपी के लिए ज़्यादा काम मत कर आप लोग।' इसमें यह भी देखा जा सकता है कि उनकी सुरक्षा में लगे लोग उनके पास पहुँच गए लोगों को धक्का देकर दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
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