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योगी सरकार में भी श्री राम की प्रतिमा के लिए नहीं मिल पा रही ज़मीन

धार्मिक नगरी अयोध्या में श्री राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा के प्रोजेक्ट के स्थल के लिए ज़मीन का मामला अभी भी तय नहीं हो सका है। पहले से तय मांझा मीरपुर की ज़मीन पर अब इस प्रोजेक्ट को लागू करने में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। जिसके बाद मांझा बरहटा व माझा जमथरा की ज़मीन की पैमाइश इस प्रोजेक्ट के विकल्प स्थल के तौर पर की जा रही है। इस प्रोजेक्ट का एलान सीएम योगी आदित्यनाथ ने तीन साल पहले पहले दीपोत्सव के मौक़े पर अयोध्या में किया था।

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ओपी यादव ने बताया कि पहले मांझा मीरपुर की ज़मीन पर इस प्रोजेक्ट के लिए सहमति बनी थी पर लोक निर्माण विभाग की टीम ने नवम्बर, 2019 मे तीनों स्थलों की जांच करने के बाद ज़मीन को लेकर तकनीकी समस्या बताई। इसमें जितनी ज़मीन एक साथ इस प्रोजेक्ट के लिए चाहिए वह उपलब्ध नहीं है। पूरी ज़मीन यहां अधिग्रहण करने पर यह बीच में नेशनल हाईवे व रेलवे पुल होने के कारण दो भागों में बंट जाएगी। यहां 24 हेक्टेयर ज़मीन के क्रय के लिए नोटिफ़िकेशन हो चुका है। 61 हेक्टेयर ज़मीन पुल के दूसरे तरफ चिन्हित की गई है।

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सीएम ने किया था तीन स्थलों का निरीक्षण

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने अयोध्या दौरे के दौरान मांझा मीरपुर के अलावा दो अन्य स्थलों को भी श्री राम की विशाल प्रतिमा प्रोजेक्ट के लिए विकल्प के तौर पर देखा था। ये दोनों स्थल सरयू तट पर मांझा बरहटा व मांझा जमथरा में हैं। जिनकी पड़ताल कर रिपोर्ट सीएम को भेजी जाएगी। सीएम की सहमति जिस स्थल के लिए मिलेगी, उसे ही इस प्रोजेक्ट के लिए फ़ाइनल कर जमीन क्रय की कार्रवाई की जाएगी। 

No land was found in Ayodhya for the idol of Shri Ram after Three years - Satya Hindi
प्रस्तावित श्री राम की प्रतिमा।

अन्य योजनाएं भी ज़मीन पर नहीं उतरीं

मोदी व योगी सरकार की तमाम योजनाएं अभी भी ज़मीन पर नहीं उतरी हैं। इसमें रामायण सर्किट की 133 करोड़ की केंद्र सरकार की योजना भी है। राम की पैड़ी में हरिद्वार की हर की पैड़ी की तरह अनवरत सरयू धारा के प्रवाह को बनाने के लिए डेड लाइन तीसरे दीपोत्सव तक रखी गई थी। औने-पौने में सरयू के जल का प्रवाह दीपोत्सव पर करवा कर वाहवाही लूटी गई जो एक हफ्ते के बाद ही सिल्ट भर जाने से बंद है। यही हाल कोरियाई रानी हो के पार्क विस्तार का है। सपा की अखिलेश सरकार के कार्यकाल से इस पर दोनों सरकारों के बीच मंथन चल रहा है। 

दूसरे दीपोत्सव पर यहां मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचीं कोरिया गणराज्य की प्रथम महिला और सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरयू तट पर इस योजना का शिलान्यास भी किया था लेकिन यह योजना भी ज़मीन पर नहीं उतरी। 

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अयोध्या के एयरपोर्ट व अंतरराष्ट्रीय मानक के रेलवे स्टेशन के निर्माण का कार्य भी बेहद सुस्त है। 84 कोसी परिक्रमा को हाईवे की तरह बनाने, अयोध्या-जनकपुर बस सेवा, सड़क निर्माण व यहां गैस पाइपलाइन से कुकिंग गैस की सप्लाई जैसी परियोजनाओं का भी एलान कई साल पहले हो चुका है पर ये परियोजनाएं भी ज़मीन पर नहीं उतरी हैं।
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क़मर वहीद नक़वी

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