हाथरस में हैवानियत का शिकार हुई दलित युवती से मिलने जा रहे कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा को रोकने के लिए नोएडा पुलिस ने जो बेहूदगी की, उसके लिए अब उसे माफी मांगनी पड़ी है। राहुल और प्रियंका पहले 1 अक्टूबर को हाथरस के लिए निकले थे लेकिन पुलिस ने उन्हें ग्रेटर नोएडा से आगे नहीं बढ़ने दिया था। इस दौरान सांसद राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की हुई थी और इसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने पुलिस-प्रशासन के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की थी।
लेकिन जब उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस किसी को भी हाथरस न जाने देने की जिद पर अड़ गई तो प्रियंका और राहुल 3 अक्टूबर को फिर से हाथरस के लिए निकले। इस दिन उनके साथ कार्यकर्ताओं का लाव-लश्कर तो था ही, बड़ी संख्या में पार्टी के सांसद, पदाधिकारी भी मौजूद थे। पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में डीएनडी पर तैनात थे।
राहुल और प्रियंका जब डीएनडी पर पहुंचे तो पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए प्रियंका गांधी बीच में आ गईं और इस दौरान एक ऐसी फ़ोटो वायरल हो गई, जिस वजह से नोएडा पुलिस को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।
फ़ोटो में एक पुलिसकर्मी ने प्रियंका के सूट को खींचने की कोशिश की। प्रियंका की सियासी हैसियत क्या है और क्या नहीं, यहां बात इसकी नहीं है। बात इसकी है कि महिला को रोकने के लिए वहां पर पुरूष पुलिस कर्मचारियों की तैनाती क्यों की गई। और जिस पुलिसकर्मी ने बेहूदगी से प्रियंका का सूट खींचा, क्या उसे दिखा नहीं कि वह महिला हैं। कुछ फ़ोटो में दिखा कि इस पुलिसकर्मी ने प्रियंका को पकड़ने की भी कोशिश की।
यहां सवाल ये खड़ा होता है कि जब देश में सीआरपीएफ़ की सुरक्षा लेकर चलने वाली और देश के सबसे पुराने सियासी खानदान से ताल्लुक रखने वाली महिला के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश पुलिस इस तरह की हरक़त कर सकती है तो फिर किसी आम महिला की वह क्या इज्जत करती होगी। कुछ भी कहा जाए, लेकिन प्रियंका के सूट को जिस तरह खींचा गया, वह बेहद शर्मनाक था।
सोशल मीडिया पर खासी लानत-मलानत होने के बाद नोएडा पुलिस हरक़त में आई और उसने माफी मांगते हुए इस घटना की जांच शुरू कराने की बात कही है।
नोएडा पुलिस ने ट्वीट कर रहा है कि वह प्रियंका के साथ हुई इस घटना को लेकर दुख व्यक्त करती है। पुलिस के मुताबिक़, पुलिस उपायुक्त के मुख्यालय ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और किसी सीनियर महिला अफ़सर से इस घटना की जांच करने के लिए कहा है। नोएडा पुलिस ने कहा है कि वह महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े और प्रगतिशील कहे जाने वाले शहर नोएडा में अगर पुलिस महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार करेगी तो बाक़ी जगहों पर उससे क्या उम्मीद की जाए। लेकिन उम्मीद यह भी है कि वह अपनी ग़लती सुधारेगी।
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