बीजेपी की दिग्गज नेताओं में शुमार उमा भारती 'राम मंदिर' को यज्ञ बोलती थीं और इसके लिए प्राणों की सहर्ष आहूति देने की बात करतीं थीं लेकिन आज ऐसा क्या हो गया है कि इस ऐतिहासिक क्षण से उन्होंने दूरी बना ली है। यही नहीं, वे इस दौरान अयोध्या में ही रहेंगी लेकिन किसी संन्यासी की तरह सरयू नदी के किनारे ध्यान करेंगी!
उमा भारती का यह रुख सबको हैरान करने वाला है। क्या यह उनका सांकेतिक विरोध है? कोरोना से ऐसा डर तो नहीं हो सकता! नेता आज भी लोगों से मिल रहे हैं, सरकारें बनाने, बिगाड़ने का खेल भी इस दौरान हुआ और ख़ास तौर पर मध्य प्रदेश में भी हुआ। उमा भारती इस प्रक्रिया में शामिल भी रहीं, विधायकों से मिलने-जुलने की उनकी ख़बरें भी मीडिया में आयीं। कांग्रेस के बाग़ी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी वे मिलीं थीं।
ऐसे में उमा भारती की यह बात हजम नहीं होती कि कोरोना संक्रमण की किसी आशंका के चलते वे इतने ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रही हैं।
पुख्ता हैं तैयारियां
अयोध्या में राम मंदिर का यह कार्यक्रम भव्य होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार इसे भव्यता प्रदान करने में जुटी हैं। इस कार्यक्रम में कोरोना संक्रमण नहीं फैले, इस बात का भी भरपूर ध्यान रखा जा रहा है।
कोरोना की जांच के चलते ही मंदिर के पुजारियों व सुरक्षाकर्मियों के पॉजिटिव आने का पता भी चला है। ऐसे में यह नहीं कह सकते कि इस कार्यक्रम में कोरोना को लेकर कोई अनदेखी या लापरवाही बरती जाएगी। क्योंकि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री भी आने वाले हैं, इसलिए भी, ध्यान विशेष रूप से दिया जा रहा है।
उमा भारती जैसी शख्सियत, जिनकी पहचान ही राम जन्म भूमि आंदोलन के दम पर बनी हो, वे इस ऐतिहासिक क्षण पर इससे दूरी बना लें, उनका यह क़दम कई सवाल खड़े करता है।
उमा भारती ने दूसरा ट्वीट किया, ‘इसलिए मैंने रामजन्मभूमि न्यास के अधिकारियों को सूचना दी है कि शिलान्यास के कार्यक्रम के मुहूर्त पर मैं अयोध्या में सरयू के किनारे पर रहूंगी।’ उमा ने लिखा है कि भोपाल से अयोध्या तक के रास्ते में वह किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ सकती हैं, इसलिए मुख्य कार्यक्रम में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे, उनका शामिल होना उचित नहीं होगा। उमा भारती का कहना है कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वह अलग से रामलला के दर्शन करने जाएंगी।
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारेंटीन रहने की सलाह दी गई है। वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण का कोरोना के चलते निधन हो चुका है।
लेकिन सिर्फ इसलिए उमा भारती नहीं आ रही हैं इस पर विश्वास नहीं होता। वैसे, इस कार्यक्रम से दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की दूरी भी बहुत से सवाल खड़े कर रही है। तो क्या उमा भारती अपने इन वरिष्ठ नेताओं को निमंत्रण देने में सिर्फ़ औपचारिकता निभाने या देर से निमंत्रण देने को लेकर नाराजगी व्यक्त कर रही हैं।
अपनी राय बतायें