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रविकिशन ने माँगा इस्तीफ़ा, योगी के चहेते रहे गोरखपुर विधायक बोले- अर्जुन हूँ-अभिमन्यु नहीं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंद रहे गोरखपुर के विधायक राधामोहन अग्रवाल को सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना लिखने पर भारतीय जनता पार्टी ने नोटिस थमाया है। गोरखपुर से सांसद व फ़िल्म अभिनेता रविकिशन ने तो उन्हें पार्टी छोड़ देने को कहा है। विधायक अग्रवाल ने जवाब में फ़ेसबुक पर लिखा है कि वो अभिमन्यु नहीं अर्जुन हैं, चक्रव्यूह में घुसना और उसे तोड़ना जानते हैं।

राधामोहन अग्रवाल गोरखपुर के चिकित्सक हैं और 2002 में योगी ने उन्हें बीजेपी के कद्दावर नेता शिवप्रताप शुक्ला के ख़िलाफ़ निर्दलीय चुनाव लड़ाकर विधायक बनवाया था। तब से लेकर अब तक राधामोहन अग्रवाल लगातार विधायक बनते रहे हैं। हालाँकि बीते कुछ सालों से वो योगी के क़रीबियों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। हाल ही में राधामोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार के कामकाज पर सोशल मीडिया में गंभीर सवाल उठाए थे। गोरखपुर में एक इंजीनियर के तबादले को लेकर विधायक के ख़िलाफ़ उनकी ही पार्टी के जनप्रतिनिधियों व स्थानीय सांसद ने मोर्चा खोल दिया था।

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रविकिशन का हमला

गोरखपुर के सांसद रविकिशन ने कहा कि नगर विधायक डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल हमेशा पार्टी विरोधी बातों को तूल देकर जनता को भ्रमित करने का कार्य कर रहे हैं और वह गोरखपुर में हो रहे विकास कार्यों में बाधा पहुँचाने का कार्य लगातार कर रहे हैं। रविकिशन ने आरोप लगाया है कि राधामोहन अनाप-शनाप बयानों से पार्टी की छवि को धूमिल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी हाल में ही फ़ेसबुक व ट्विटर पर उन्होंने अपने विधायक होने पर ग़ुस्सा आता है, ऐसा ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान दिया।

रविकिशन की ओर से यह बयान उनके प्रतिनिधि पवन दुबे ने जारी किया है। उन्होंने कहा, ‘लगातार पार्टी के पदाधिकारियों, विधायक, सांसद के ख़िलाफ़ झूठे आरोपों व बेबुनियादी बातों से जनता को गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं। अभी उनका एक ऑडियो बहुत तेज़ी से देश में वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने साफ़-साफ़ उत्तर प्रदेश सरकार पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया है जो कि बहुत ही शर्मनाक है। इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का मनोबल गिरता है। इनके बयानों से पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं में आक्रोश व ग़ुस्सा है।’ 

रविकिशन ने कहा कि राधामोहन समाज को उत्तर प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ भड़काने का व भ्रमित करने का प्रयास लगातार कर रहे हैं, इसलिए अगर इनको पार्टी की नीतियों और कार्यशैली से इतनी ही दिक्कत है तो पार्टी को अपना इस्तीफ़ा सौंप दें।

राधामोहन का पलटवार

स्थानीय सांसद रविकिशन के इस वार और भाजपा की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस दिए जाने के बाद गोरखपुर विधायक राधामोहन अग्रवाल ने पलटवार किया है। अग्रवाल ने फ़ेसबुक पर पोस्ट लिख कर कहा है कि ‘वो अर्जुन हैं अभिमन्यु नहीं। चक्रव्यूह में घुसना और उसे तोड़ना जानते हैं’। राधामोहन अग्रवाल से बीते कुछ समय से मुख्यमंत्री नाराज़ हैं और उन्होंने लगातार चौथी बार विधायक चुने जाने के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में नहीं लिया था।

हालाँकि राधामोहन अग्रवाल को लेकर पार्टी के कई बड़े नेताओं की इच्छा मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर थी। बाद में पार्टी ने अग्रवाल को विधानमंडल दल में पद देकर उन्हें शांत किया था। अग्रवाल विधानसभा के अधिष्ठाता मंडल में भी हैं।

क्या टिकट कटने का अंदेशा है?

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक़ कभी योगी के प्रमुख सेनापति रहे राधामोहन अग्रवाल को इस बात का पूरा अंदेशा है कि उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा। गोरखपुर में योगी ने राधामोहन अग्रवाल के विकल्प में कुछ नेताओं को आगे भी कर दिया है। पार्टी में अपनी कहीं सुनवाई न होते देख अब राधामोहन अग्रवाल कहीं और रास्ता तलाश रहे हैं। हालाँकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि योगी से जिस कदर राधामोहन अग्रवाल की नज़दीकी रही है उसके चलते उन्हें कहीं और ठौर मिल पाना भी मुश्किल है। गोरखपुर विधानसभा के जातीय समीकरण भी उनके लिए बहुत अनुकूल नहीं है।

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बीजेपी से मिला है नोटिस

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने भारतीय जनता पार्टी की रीत- नीति व सिद्धाँतों के विरुद्ध आचरण करने के आरोप में डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि पार्टी के आचरण के विरुद्ध आपके द्वारा सरकार व संगठन की छवि को धूमिल करने वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर की जा रही है। आपका यह कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। कहा गया है कि राधामोहन अग्रवाल उक्त के संदर्भ में आप अपना स्पष्टीकरण एक सप्ताह के भीतर पार्टी कार्यालय भेजने का कष्ट करें। उधर, अग्रवाल के पक्ष में यूपी कांग्रेस ने कहा है कि विधायक ने सरकार की कलई खोली तो मिला नोटिस, कहाँ है लोकतंत्र?

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क़मर वहीद नक़वी

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