बलात्कार के मामले में जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। चिन्मयानंद पर उन्हीं के लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगाया था। चिन्मयानंद को पिछले साल सितंबर में गिरफ़्तार किया गया था और उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 376सी के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था। शाहजहाँपुर के स्वामी सुखदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में क़ानून की छात्रा इस पीड़िता ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद माँगी थी। स्वामी चिन्मयानंद इस कॉलेज की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हैं।
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद ने एक साल तक उसका बलात्कार किया था। पीड़िता और उसके परिवार की ओर से आरोप लगाया गया था कि चिन्मयानंद के सियासी रसूख के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी और इसमें जानबूझ कर देरी की जा रही थी। पीड़िता ने आत्मदाह की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दख़ल दिया था और यूपी पुलिस ने चिन्मयानंद को गिरफ़्तार कर लिया था।
चिन्मयानंद की ओर से पीड़िता पर 5 करोड़ रुपये की रंगदारी माँगने का आरोप लगाया गया था। 23 वर्षीय पीड़िता ने कहा था कि उसके पास पूर्व सांसद के कम से कम 35 वीडियो हैं। पीड़िता ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि इन वीडियो के आधार पर उसे इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा। पीड़िता ने कहा था कि उसे कॉलेज कैंपस में बने चिन्मयानंद के आवास पर मसाज के लिए बुलाया जाता था। पीड़िता ने कहा था कि इस दौरान वह ऐसा चश्मा पहनती थी जिसमें ख़ुफ़िया कैमरा लगा होता था।
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