loader

विकास दुबे के तीन साथी गिरफ़्तार, पूछताछ जारी: एडीजी प्रशांत कुमार

उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर बताया कि कानपुर के कुख्यात बदमाश विकास दुबे के तीन साथियों श्यामू वाजपेयी, जहान यादव और संजीव दुबे को गिरफ़्तार किया गया है। चौबेपुर पुलिस द्वारा गिरफ़्तारी के दौरान मुठभेड़ में श्यामू वाजपेयी घायल भी हुआ है और यह 50 हज़ार का इनामी है। 

एडीजी ने कहा कि इसके अलावा हरियाणा की फरीदाबाद पुलिस ने भी मुठभेड़ के दौरान तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है। इनमें कार्तिकेय उर्फ प्रभात निवासी बिकरू गांव, अंकुर निवासी ग्राम कापूपुर, कानपुर व एक अन्य बदमाश श्रवण को गिरफ़्तार किया गया है। 

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा है कि विकास दुबे पर ईनामी राशि बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। दो दिन पहले ही उस पर 2.5 लाख रुपये का ईनाम रखा गया था। 

ताज़ा ख़बरें

एडीजी ने कहा कि कानपुर की घटना में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस सख़्त से सख़्त कार्रवाई करेगी और यह नज़ीर बनेगी। कानपुर के बिकरू गांव में दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम में शामिल 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद से ही जरायम की दुनिया में विकास दुबे के नाम की चर्चा है और पुलिस शिद्दत से उसकी तलाश में जुटी हुई है। 

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे मंगलवार को फरीदाबाद के एक होटल में दिखा था, लेकिन पुलिस के वहां पहुँचने से पहले ही वह भाग गया। 

विकास दुबे का सहयोगी और 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपियों में से एक अमर दुबे को पुलिस ने मुठभेड़ में बुधवार तड़के मार गिराया है। यह मुठभेड़ उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले में हुई है। अमर दुबे भी गांव बिकरू का ही रहने वाला था। विकास दुबे पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह का वीडियो - 

विकास दुबे बेहद शातिर बदमाश है। उसका नाम पहली बार चर्चा में तब आया था, जब उसने 2001 में उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की पुलिस थाने के अंदर हत्या कर दी थी।

8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद सरकार और प्रशासन इस मामले में बेहद सख़्त है। घटना के अगले दिन विकास दुबे के घर को जेसीबी से ढहा दिया गया था और इस दौरान वहां खड़ी कई गाड़ियों को भी पुलिस ने चकनाचूर कर दिया था। बताया गया है कि विकास दुबे इस घर से अपना आपराधिक साम्राज्य चला रहा था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें