उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता और उनके वकील की हालत बेहद गंभीर है। किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के मीडिया इंचार्ज संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता और उनके वकील को वेंटिलेटर पर रखा गया है और उनकी हालत नाजुक है। डॉक्टरों के मुताबिक़, दुर्घटना में पीड़िता के फेफड़ों में गहरी चोट आई है। इसके अलावा उसका ब्लड प्रेशर भी लगातार गिर रहा है। पीड़िता की दाईं ओर की कुछ पसलियों, दायें हाथ और दायें पैर में फ्रैक्चर है। पीड़िता के पाँव और सिर में भी चोट है। इससे पहले एडीजी (लखनऊ रेंज) राजीव कृष्णा ने भी कहा था कि डॉक्टरों के मुताबिक़ पीड़िता की हालत गंभीर है और वह लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर है।
बता दें कि रविवार शाम को पीड़िता अपने वकील और परिजनों के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी, तभी एक ट्रक ने उनकी गाड़ी को जोरदार टक्कर मार दी थी। हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की रविवार को ही मौत हो गई थी। घटना के बाद पीड़िता के परिजनों ने मीडिया से कहा कि यह घटना विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के इशारे पर हुई है। पीड़िता ने 2017 में विधायक पर बलात्कार का आरोप लगाया था। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्नाव के बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के इशारे पर यह दुर्घटना कराई गई है।
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उधर, उन्नाव रेप पीड़िता की गाड़ी की ट्रक के साथ दुर्घटना होने के मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई मनोज सिंह सेंगर और 8 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ हत्या, हत्या की साज़िश रचने का मुक़दमा दर्ज कराया गया है। बताया जाता है कि पीड़िता के चाचा ने यह मुक़दमा दर्ज कराया है। इसके साथ ही इस मामले की जाँच उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई को सौंप दी है। बता दें कि पीड़िता के परिवार ने सरकार से इस घटना की सीबीआई जाँच कराने की माँग की थी। पुलिस ने इस माँग को सरकार को भेज दिया है। राज्य सरकार अब इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र भेजेगी।
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पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ जून, 2017 में अपने आवास पर बलात्कार किया था। पीड़िता ने कहा था कि तब वह अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी माँगने के लिए विधायक के पास गई थी। कुलदीप के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जाँच सीबीआई से कराने की सिफ़ारिश की थी, जिसे एजेंसी ने स्वीकार कर लिया था।
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