उन्नाव रेप पीड़िता के वकील को अपनी जान का डर था और उन्होंने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस देने की माँग की थी। यह पत्र उन्होंने 15 जुलाई को लिखा था और इसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात का डर है कि उनकी हत्या हो सकती है।
पत्र में पीड़िता के वकील ने लिखा है कि वह माखी कांड में अधिवक्ता हैं व सीबीआई के सामने हत्या के मामले में गवाह हैं। वकील ने लिखा है कि उन्होंने सितंबर 2018 में लाइसेंस देने के लिए आवेदन किया था लेकिन सत्ता के दबाव और प्रभाव के कारण उन्हें अब तक लाइसेंस नहीं मिल सका है। उन्होंने यह डर जताया था कि उन्हें आशंका है कि उनकी हत्या कराई जा सकती है।
बता दें कि पीड़िता अपने रिश्तेदारों और वकील के साथ जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी, लेकिन तभी उनकी गाड़ी की ट्रक के साथ टक्कर हो गई थी। इसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी और ख़ुद पीड़िता और वकील लखनऊ के ट्रामा सेंटर में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार ने सड़क दुर्घटना के बाद दावा किया था कि बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के आदमी उन्हें आए दिन धमकाते रहते थे और
पीड़िता के परिवार ने एक वीडियो भी जारी किया था।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस से
जुड़े सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफ़र कर दिया है। सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि उन्हें उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे और अन्य मामलों की जाँच के लिए कितना समय चाहिए। सॉलिसिटर जनरल ने अदालत से एक महीने का वक़्त माँगा। इस पर सीजेआई ने कहा कि एक महीना बहुत ज़्यादा है, आप 7 दिन में जाँच पूरी कीजिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सड़क हादसे की चार्जशीट दिल्ली के कोर्ट में दाख़िल की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर मुमकिन हो तो उन्नाव रेप पीड़िता को एम्स में भर्ती कराया जाए।
बता दें कि रेप पीड़िता के साथ हुई ट्रक दुर्घटना में दर्ज हुई एफ़आईआर में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा
बीजेपी नेता अरुण सिंह का भी नाम शामिल है। अरुण सिंह उन्नाव बीजेपी की ब्लॉक इकाई के अध्यक्ष हैं और उन्हें कुलदीप सिंह सेंगर का बेहद क़रीबी बताया जाता है। 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार में अरुण सिंह को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के साथ देखा गया था।
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ जून, 2017 में अपने आवास पर बलात्कार किया था। पीड़िता ने कहा था कि तब वह अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी माँगने के लिए विधायक के पास गई थी। कुलदीप के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जाँच सीबीआई से कराने की सिफ़ारिश की थी, जिसे एजेंसी ने स्वीकार कर लिया था।
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ जून, 2017 में अपने आवास पर बलात्कार किया था। पीड़िता ने कहा था कि तब वह अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी माँगने के लिए विधायक के पास गई थी। कुलदीप के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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