loader

राष्ट्रीय लोकदल- समाजवादी पार्टी में चुनाव पूर्व समझौता

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनज़र राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी के बीच समझौता हो गया है। लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने मंगलवार को इसकी पुष्टि कर दी। 

लखनऊ में सपा नेता अखिलेश यादव से मुलाक़ात करने के बाद जयंत चौधरी ने कहा कि सीटों पर अंतिम बातचीत चल रही है, पर दोनों दलों के बीच एक साथ चुनाव लड़ने  पर सहमति बन गई है। 

जयंत चौधरी ने बीजेपी से हाथ मिलाने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि इसका कोई सवाल ही नहीं है। 

'बढ़ते कदम'

मंगलवार को जयंत चौधरी ने अखिलेश से मुलाक़ात करने के बाद 'बढ़ते कदम' कैप्शन के साथ एक तसवीर ट्वीट की, जिसमें वे समाजवादी पार्टी के नेता का हाथ पकड़े खड़े दिख रहे है।

इसके अलावा अखिलेश यादव ने भी जयंत चौधरी के साथ एक तसवीर साझा  की और कैप्शन लगाया, 'जयंत चौधरी जी के साथ बदलाव की ओर।'  

हालांकि अभी  दोनों दलों के बीच सीटों पर अंतिम बातचीत पूरी नहीं हुई है, पर समझा जाता है कि आरएलडी 36 सीटों पर चुनाव लड़ने को राज़ी है। 

इसके पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के बीच लखनऊ एयरपोर्ट पर मुलाक़ात हुई तो गठबंधन को लेकर नया कयास लगाया जाने लगा था। 

फिर तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द किए जाने की घोषणा के बाद कयास लगाए जाने लगे कि कहीं आरएलडी का गठबंधन बीजेपी के साथ न हो जाए। लेकिन जयंत चौधरी ने मंगलवार को इससे इनकार कर दिया। 

ख़ास ख़बरें
आरएलडी को जो सीटें दी जाएंगी, उनमें से ज़्यादातर सीटें पश्चिमी यूपी में होंगी। ऐसी भी संभावना है कि सपा नेता रालोद के चुनाव चिह्न पर दो से तीन सीटों पर चुनाव लड़ें। 

आरएलडी को कितनी सीटें?

समझा जाता है कि आरएलडी ने शुरू में 62 सीटों की माँग की थी, लेकिन सपा 30 से ज़्यादा सीटें देने को तैयार नहीं थी। माना जाता है कि पिछले हफ़्ते अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने काफी देर तक फोन पर बात की और आख़िर में 36 सीटों पर समझौता हुआ। 

आरएलडी मुख्य तौर पर मुजफ्फ़रनगर, बागपत, मेरठ, बुलंदशहर, मथुरा, अलीगढ़ और कुछ अन्य ज़िलों में चुनाव लड़ेगा।

बता दें कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा में सपा के 49 विधायक हैं जबकि आरएलडी का एक भी विधायक नहीं है। आरएलडी ने पिछले चुनाव यानी 2017 के चुनाव में एक सीट जीती थी, लेकिन उनके विधायक बीजेपी में शामिल हो गए।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें