loader
धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किए गए।

यूपी एटीएस- मूक-बधिर बच्चों के धर्मांतरण के आरोप में दो गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वाड यानी एटीएस ने सोमवार को बड़े पैमाने पर कथित धर्मांतरण करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। इसका दावा है कि यह गिरोह एक हज़ार से ज़्यादा लोगों का धर्मांतरण करा चुका है। आरोप है कि इस गिरोह ने मूक-बधिर स्कूल के बच्चों को रुपये और दूसरे लाभ का लालच देकर भी धर्मांतरण कराया। पुलिस ने धर्मांतरण में विदेश से फंडिंग की बात भी कही है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है और उसमें से एक कथित तौर पर हिंदू से धर्मांतरित होकर मुसलिम बना था।

उत्तर प्रदेश के एडीजी (क़ानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि आरोपियों की पहचान मुफ्ती जहांगीर क़ाजमी और मुहम्मद उमर गौतम के रूप में हुई है। दोनों दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले हैं। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों को दो जून को डासना से गिरफ्तार किया गया था और इस बीच उनसे काफ़ी पूछताछ की गई।

ताज़ा ख़बरें

राज्य के नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत गोमतीनगर थाने में एफ़आईआर दर्ज करायी गयी है। रिपोर्ट के अनुसार एफ़आईआर में इस्लामिक दा'वा सेंटर के चेयरमैन का भी नाम है।

यूपी पुलिस का कहना है कि गिरफ़्तार दोनों आरोपियों ने मूक-बधिर महिलाओं और बच्चों का भी धर्म परिवर्तन कराया। पुलिस ने दावा किया है कि इस गिरोह ने नोएडा में एक मूक-बधिर स्कूल के क़रीब डेढ़ दर्जन बच्चों का धर्मांतरण करवाया था। पैसे और आर्थिक मदद का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता था। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में प्रशांत कुमार ने कहा कि दोनों आरोपी ग़रीब परिवारों और बेरोज़गार युवाओं को निशाना बनाते थे।

पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में धर्म परिवर्तन कराया है। इनमें कानपुर, मथुरा, नोएडा और वाराणसी सहित कई ज़िले शामिल हैं। 'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूला है कि वे हर साल क़रीब 250-300 लोगों का धर्मांतरण कराते थे। 

रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा कि कानपुर के कल्याणपुर में रहने वाले एक दंपति के मूक-बधिर बेटे का धर्म परिवर्तन कर दक्षिण भारत भेज दिया गया, लोगों को धर्मांतरण के बदले पैसे और नौकरी देने का वादा किया गया था।

यूपी एटीएस का कहना है कि वह इस गिरोह पर पहले से ही नज़र रख रही थी। 'लोकमत न्यूज़' की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस जाँच में आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया है कि वे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसे लेकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराते थे।

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

इस मामले में लखनऊ के शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा है कि इस्लाम में किसी भी तरीक़े से जबरन धर्म परिवर्तन कराना ग़लत है। हालाँकि उन्होंने इस मामले में संदेह भी जताया है। 'आजतक' की रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना सैफ अब्बास ने सवाल किया, 'कहीं यह 2022 के चुनाव की वजह से तो नहीं किया जा रहा। जो मौलाना पकड़े गए हैं, वो ग़रीब लोगों की मदद कर रहे थे या कुछ और, इस बारे में भी पूछताछ होनी चाहिए क्योंकि इस्लाम में किसी भी तरीक़े से धर्म परिवर्तन कराना ग़लत माना जाता है और अगर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है तो वहाँ का ज़िला प्रशासन क्या कर रहा है? क्या उसने उन लोगों से पूछा और अगर इनको फंडिंग बाहर किसी दहशतगर्दी से हो रही है तो खुफिया विभाग क्या कर रहा है? क्या उसने इस बारे में पता किया?'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें