loader

Scroll.in की पत्रकार सुप्रिया के ख़िलाफ़ FIR, पीएम मोदी के गोद लिए गांव पर की थी स्टोरी

न्यूज़ वेबसाइट scroll.in की कार्यकारी संपादक सुप्रिया शर्मा और एडिटर-इन-चीफ़ के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश की वाराणसी पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है। सुप्रिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके द्वारा गोद लिए गए गांव में लॉकडाउन के दौरान क्या हालात हैं, इस पर एक स्टोरी की थी। सुप्रिया के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत मुक़दमा दर्ज किया है। 

यह एफ़आईआर वाराणसी के रामनगर पुलिस स्टेशन में 13 जून को दर्ज की गई है। एफ़आईआर के मुताबिक़, पुलिस ने सुप्रिया के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 501 और 269 के तहत भी मुक़दमा दर्ज किया है। 

ताज़ा ख़बरें

यह एफ़आईआर वाराणसी के डोमरी गांव की रहने वाली माला देवी की शिकायत पर दर्ज की गई है। सुप्रिया ने लॉकडाउन के दौरान वाराणसी जिले में कई लोगों का इंटरव्यू किया था और इस दौरान उन्होंने माला देवी से भी बातचीत की थी। डोमरी गांव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया है। 

scroll.in के मुताबिक़, इंटरव्यू के दौरान माला ने बताया था कि वह घरों में काम करती हैं और लॉकडाउन के दौरान उन्हें भोजन की किल्लत हो रही है और उनके पास राशन कार्ड भी नहीं है। 

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

लेकिन एफ़आईआर में लिखा है कि माला देवी ने अपनी शिकायत में पुलिस से कहा कि सुप्रिया शर्मा ने उनके बयान और उनकी पहचान को ग़लत तरीक़े से पेश किया। माला देवी ने एफ़आईआर में दावा किया है कि वह घरों में काम नहीं करती हैं बल्कि आउटसोर्सिंग के तहत वाराणसी नगर निगम में काम करती हैं। 

एफ़आईआर में माला देवी के बयान के आधार पर लिखा गया है कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें और उनके परिवार के किसी भी सदस्य को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हुई। माला देवी की शिकायत पर आगे लिखा गया है, ‘ऐसा कहकर कि मैं और मेरे बच्चे भूखे रह गए, सुप्रिया शर्मा ने मेरी ग़रीबी और जाति का मजाक उड़ाया है।’ 

सुप्रिया ने माला देवी का यह इंटरव्यू 5 जून, 2020 को किया था। scroll.in ने कहा है कि उसने माला देवी का बयान जैसा उन्होंने कहा था, बिलकुल वैसा ही छापा है। माला देवी का बयान, ‘प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गोद लिए गए वाराणसी के गाँव में लॉकडाउन के दौरान लोग भूखे रह गए' शीर्षक वाली ख़बर में छपा था। 

UP Police registered FIR against Scroll.in executive editor Supriya Sharma  - Satya Hindi
एफ़आईआर की कॉपी।
UP Police registered FIR against Scroll.in executive editor Supriya Sharma  - Satya Hindi
एफ़आईआर की कॉपी।

एफ़आईआर दर्ज होने के बाद scroll.in ने कहा है कि वह अपनी इस ख़बर पर क़ायम है। न्यूज़ वेबसाइट ने कहा है कि यह एफ़आईआर लॉकडाउन के दौरान ग़रीबों के हालात के बारे में समाज को बताने वालों को धमकाने और स्वतंत्र पत्रकारिता करने वालों की आवाज़ को दबाने की कोशिश है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें